हैदराबादः उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 'सब के लिए समानता, सब का कल्याण' के लक्ष्य के साथ 'नए भारत' के निर्माण के लिए श्री रामानुजाचार्य की शिक्षा को अपना मार्गदर्शक बनाने का आह्वान किया और सुझाव दिया कि 'वैश्विक महामारी के बाद हमें भगवद रामानुज की शिक्षाओं के अनुरूप कहीं अधिक समतावादी एवं न्यायसंगत आर्थिक व्यवस्था बनाने का प्रयास करना चाहिए.' उपराष्ट्रपति ने कहा कि युवाओं को भेदभाव मुक्त समाज के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भागीदार बनना चाहिए. उन्होंने कहा, 'आइये हम श्री रामानुजाचार्य द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने के लिए खुद को फिर से समर्पित करें और इस महान ऋषि के सिद्धांत- भगवान की सेवा के रूप में सभी प्राणियों की सेवा- का पालन करके मानवता की पीड़ा को कम करने का प्रयास करें. नायडू ने हैदराबाद में 'स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी' का दौरा किया जो 11वीं शताब्दी के भक्ति संत श्री रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची प्रतिमा है. श्री रामानुजाचार्य ने ईश्वर के सामने सब बराबर है, के विचार को बढ़ावा दिया और अपने समय में कई सामाजिक सुधार किए.
नायडू ने जाति, वर्ग और लैंगिक भेदभाव को मिटाने की दिशा में श्री रामानुजाचार्य के अथक प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भले ही आप एक हजार साल पहले जीवित थे, लेकिन शांति एवं सद्भाव के लिए उनका दृष्टिकोण हमेशा प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि विशिष्टाद्वैत का उनका दर्शन बताता है कि 'जाति और समुदाय के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करने की कोई गुंजाइश नहीं है.' उपराष्ट्रपति ने कहा कि श्री रामानुजाचार्य ने भक्ति और प्रेम के अपने संदेश के जरिये भारतीय समाज और राष्ट्र को एकीकृत किया. नायडू ने कहा, 'अपनी महान बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता के साथ उन्होंने ज्ञान एवं भक्ति, द्वैत एवं अद्वैत के विपरीत विचारों को एकीकृत किया. उन्होंने एक समाज सुधारक और एक आध्यात्मिक नेता के रूप में समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी.' उन्होंने कहा कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', 'ग्रामीण स्वच्छता', 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' जैसे कार्यक्रम श्री रामानुजाचार्य की शिक्षाओं के अनुरूप है. इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी, केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली, त्रिदंडी चिन्ना जीयार स्वामी, मुख्य ट्रस्टी डॉ जे रामेश्वर राव, फिल्म अभिनेता चिरंजीवी, दिव्य साकेतम के अध्यक्ष केवी चौधरी, श्री रामानुज सहस्राब्दी के अध्यक्ष जीवी भास्कर राव सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे.