'कोविड के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं. दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं. एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फ़ोन ना करें, मेरी खैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी.' राहत इंदौरी की इस ट्विटर पोस्ट के साथ ही खलबली मच गई थी. कई आम और खास, शायर और ग़ज़ल की दुनिया से जुड़े लोग और राहत इंदौरी को चाहने वालों ने उनकी बेहतरी को लेकर दुआएं कीं, पर अंततः डॉ राहत इंदौरी नहीं रहे. दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। राहत इंदौरी की उम्र 70 साल थी. उनका जन्म एक जनवरी, 1950 को इंदौर में हुआ था. वह अपने माता-पिता की चौथी संतान थे. शुरुआती पढ़ाई-लिखाई भी वहीं हुई. उर्दू साहित्य से एमए और पीएचडी कर इंदौर के ही एक कॉलेज में पढ़ाने लगे. पर उर्दू मुशायरों में मिलने वाली शोहरत ने उन्हें कॉलेज परिसर से उठाकर मंच पर बिठा दिया. वह भारतीय मुशायरा जगत की शान थे. हालांकि कई बार उन्हें अपनी बेतकल्लुफ शायरी व अंदाज के चलते खूब आलोचना भी झेलनी पड़ी, पर इससे उनके चाहने वालों पर कोई खास असर नहीं पड़ा. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, राहत इंदौरी ने समान रूप से लोकप्रियता बटोरी.
इसीलिए उनके निधन की सूचना मिलते ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दो ट्विट किया, उन्होंने पहला ट्विट किया…राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें, रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो, एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तों, दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो. राहत जी आप यूँ हमें छोड़ कर जाएंगे, सोचा न था. आप जिस दुनिया में भी हों, महफूज़ रहें, सफर जारी रहे.' उनका दूसरा ट्विट था, “अपनी शायरी से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करने वाले मशहूर शायर, हरदिल अज़ीज़ श्री राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिजनों और चाहने वालों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति दें.” तो राहुल गांधी ने इंदौरी की शायरी से ही श्रद्धांजलि दी. राहुल गांधी का ट्विट था, “'अब ना मैं हूँ ना बाक़ी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे…'अलविदा, राहत इंदौरी साहब.” दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विट किया, “मशहूर शायर राहत इंदौरी साहब के निधन की खबर जानकर बेहद दुख हुआ. आज देश ने एक महान शख़्सियत को खो दिया. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दें.” गीतकार मनोज मुंतशिर ने लिखा, ‘जनाज़े पर मेरे लिख देना यारों… मोहब्बत करने वाला जा रहा है’. अलविदा राहत इंदौरी.
इसीलिए उनके निधन की सूचना मिलते ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दो ट्विट किया, उन्होंने पहला ट्विट किया…राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें, रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो, एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तों, दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो. राहत जी आप यूँ हमें छोड़ कर जाएंगे, सोचा न था. आप जिस दुनिया में भी हों, महफूज़ रहें, सफर जारी रहे.' उनका दूसरा ट्विट था, “अपनी शायरी से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करने वाले मशहूर शायर, हरदिल अज़ीज़ श्री राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिजनों और चाहने वालों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति दें.” तो राहुल गांधी ने इंदौरी की शायरी से ही श्रद्धांजलि दी. राहुल गांधी का ट्विट था, “'अब ना मैं हूँ ना बाक़ी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे…'अलविदा, राहत इंदौरी साहब.” दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विट किया, “मशहूर शायर राहत इंदौरी साहब के निधन की खबर जानकर बेहद दुख हुआ. आज देश ने एक महान शख़्सियत को खो दिया. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दें.” गीतकार मनोज मुंतशिर ने लिखा, ‘जनाज़े पर मेरे लिख देना यारों… मोहब्बत करने वाला जा रहा है’. अलविदा राहत इंदौरी.