कोयंबटूर: भारतीय सांस्कृतिक सहयोग मैत्री संघ का बाइसवां राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न हो गया। सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर सेमिनार, डेलीगेट सत्र इसके साथ साथ संगीत नृत्य का कार्यक्रम हुआ। देश भर से आई टीमों ने अपने  अपने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को अभिव्यक्त करने  वाले कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दूसरे दिन इसकफ़ के राष्ट्रीय महासचिव विजय पढीहारी ने राजनीतिक सांगठनिक कार्यक्रम रखा। पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री  वी नारायणसामी ने आज के संदर्भ में गांधी की भूमिकापर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा महात्मा गांधी के शांति और धर्मनिरपेक्षता के संदेश को पूरी दुनिया ने समझा। राज्यों के मध्य जनता के स्तर पर संपर्क को प्रोत्साहित करना चाहिए। इसकफ़ ने ये कार्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत में  बखूबी किया था

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: लेखक की भूमिकाविषय पर महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन की  पुत्री जोया सांकृत्यायन ने  आने विचार प्रकट किए। जोया सांकृत्यायन ने राहुल जी की पुस्तकों  तुम्हारी क्षय, भागो नहीं दुनिया को बदलो, दिमागी गुलामी आदि का  जिक्र करते हुए कहा ”  मैं अपने पिता के नक्शे कदम पर चलकर अपनी जड़ों को सींचना चाहती हूँ।

सम्मेलन के अध्यक्ष मंडल ने सबसे पुराने सदस्यों में एक 72 वर्षीय पृथ्वीराज सिंह को शॉल देकर  सम्मानित किया।  इस मौके पर पृथ्वीराज सिंह ने  अपने सम्बोधन में कहायदि हम जमीन पर उतर जाएंगे तो जनता खुद खुद आपसे आकर्षित हो जाएगी।तामिलनाडु के  चर्चित उद्योगपति . वी. वरदराजन और नाटककार टी.दिलीप कुमार को भी सम्मानित किया गया। राजनीतिक सांगठनिक रिपोर्ट पर बहस के बाद 150 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद का गठन किया गया। विजय पढीहारी पुनः राष्ट्रीय महासचिव  तथा भानुमय दत्ता  , सैय्यद अज़ीज़ पाशा , राधाकृष्णन , जोया सांकृत्यायन आदि अध्यक्षमण्डल के सदस्य चुने गए। बिहार से 13 राष्ट्रीय परिषद चुने गए। बिहार के राज्य महासचिव रवींद्रनाथ राय राष्ट्रीय सचिव सुमन्त शरण प्रमोद शर्मा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चुने गए।  बिहार के राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों में प्रमुख हैं देव कुमार झा (कार्यकारिणी सदस्य) कुमार बिंदेश्वर (कार्यकारिणी सदस्य),  डॉ मासूम अहमद, अर्जुन प्रसाद, सुरेंद्रनाथ त्रिपाठी, रामावतार पासवान, अनन्त शर्मा, कपिलदेव वर्मा और डॉ गोपालशरण सिंह आदि। सम्मेलन को  दक्षिण भारत साहित्य अकादमी के संयोजक डॉ सिरपी बालसुब्रह्यंम ,  मणिपुर के पूर्व कला, संस्कृति मंत्री नारा सिंह, पूर्व सांसद  डी. पांडियन, डी. राजा , बैंक कर्मचारियों के नेता सी.एच वेंकटचेलाम ने  भी संबोधित किया।