आराः प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से स्थानीय बाल हिंदी पुस्तकालय में युवा कवि वेद प्रकाश तिवारी के कविता संग्रह 'बादल से वार्तालाप' का लोकार्पण सह विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डा. शिवनारायण ने शिरकत की. उन्होंने काव्य-संकलन 'बादल से वार्तालाप' की प्रशंसा करते हुए कहा कि वेद प्रकाश की कविताओं में एक ताजगी है. इस अवसर पर जनार्दन मिश्र ने कहा कि आरा की जमीन कविता की जमीन है. भले ही यह  वेद प्रकाश तिवारी का प्रथम काव्य संग्रह है, पर इसमें अपनी माटी की खूशबू साफ झलकती है. डा. दिवाकर पाण्डेय का कहना था कि यह पहला संकलन ही यह बताने के लिए पर्याप्त है कि कवि वेद प्रकाश तिवारी अनंत संभावनाओं के कवि हैं. इनमें काव्य परंपरा की ऊर्जा समाहित है.
लोकार्पण समारोह में कई साहित्यकार उपस्थित रहे. सभी का यह मानना था कि इन कविताओं में आम आदमी का जीवन और एक अद्भुत ताजगी दिखती है. कवि अपनी कविताओं से एक नई जमीन की तलाश करता दिखाई देता है. इस मौके पर वरिष्ठ कवयित्री डॉ मीरा श्रीवास्तव ने गंभीर और धारदार आलेख पाठ किया. संगोष्ठी व लोकार्पण कार्यक्रम में जो विद्वान, साहित्यकार, रंग संस्कृति से जुड़े लोग उपस्थित थे, उनमें पत्रकार व रंगकर्मी शमशाद प्रेम, डा रानी श्रीवास्तव, राजकिशोर राजन, शहंशाह आलम, डा रवीन्द्रनाथ राय, डा नीरज सिंह, डा दिवाकर पांडेय, जितेंद्र कुमार, संतोष श्रेयांस, ओमप्रकाश मिश्र, डा किरण कुमारी, डा ममता कुमारी, सुदीपा मधुकर, सुमन कुमार आदि शामिल हैं.  हरेकृष्ण उपाध्याय की अध्यक्षता और प्रलेस सचिव जनार्दन मिश्र के संचालन में संपन्न इस आयोजन में सभी ने अपने सुचिंतित विचार व्यक्त किए.