बिलासपुरः राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के सौजन्य से आयोजित बिलासपुर पुस्तक मेले में व्यंग्य पाठ का आयोजन हुआ. अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ व्यंग्यकार गिरीश पंकज ने कहा कि व्यंग्य समाज की विसंगतियों पर प्रहार तो करता ही ही अपितु वह समाज के साथ ही व्यवस्था से जुड़े जनप्रतिनिधियों को भी सचेत करता है. उन्होंने कहा कि व्यंग्य जीवन की महत्त्वपूर्ण इकाई व साहित्य की अनिवार्य विधा है. व्यंग्य लेखन की विशेषता होती है कि वह रंजकता के साथ विसंगतियों पर प्रहार करता है. व्यंग्य इस समय की मांग है. इस अवसर पर रतन जैसवानी, स्नेहलता पाठक, विनोद साव, राजेन्द्र मौर्य, भरत चंदानी, केशव शुक्ला, महेंद्र ठाकुर, राजशेखर चौबे ने अपनी व्यंग्य रचनाओं को पढ़ा. इसके साथ ही राजेन्द्र मौर्य की व्यंग्य कृति रामायण के राम से व कुमार पलाश की निखरता पलाश व विनोद साव की यात्रा वृतांत केन्द्रित पुस्तकों का लोकार्पण भी हुआ.
रतन जैसवानी ने वायरल देवता का पाठ किया. भरत चंदानी ने राष्ट्रीय कवि गधे नामक रचना का पाठ किया. राजेन्द्र  मौर्या ने कान्हा ने मिट्टी खाया नामक रचना का वाचन किया. महेंद्र ठाकुर ने मेरे अंधे होने का सुख, स्नेहलता पाठक ने एक साहित्यकार की अभिलाषा, राजशेखर चौबे ने रोस्टेड चिकन, विनोद साव ने गांधी, अंडा और मुर्गा और बुजुर्ग व्यंग्यकार केशव शुक्ल ने अपनी रचना का पाठ किया. कार्यक्रम से पूर्व राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,भारत के हिंदी के सहायक संपादक डॉक्टर ललित किशोर मंडोरा ने कहा कि व्यंग्य को अब न्यास के अतिरिक्त, साहित्य अकादमी ने भी गम्भीरता से लेना शुरू कर दिया है. न्यास ने व्यंग्य की कार्यशालाओं का आयोजन करने के साथ ही गोपाल चतुर्वेदी, परसाई के निबन्ध, हरीश नवल, प्रेम जनमेजय, ज्ञान चतुर्वेदी, अश्विनी कुमार दुबे, सुभाष चंदर की व्यंग्य पुस्तकों को भी प्रकाशित किया है. कार्यक्रम में अनेक गणमान्य बुद्धिजीवी व पुस्तक प्रेमी मौजूद थे.