नई दिल्लीः विश्व पुस्तक मेले में प्रकाशकों के यहां पुस्तक लोकार्पण जारी है. राजकमल प्रकाशन के स्टॉल पर भी कई किताबों का लोकार्पण किया गया. पूर्व आईपीएस अधिकारी और वर्धा विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके विभूति नारायण राय की किताब 'हाशिमपुरा 22 मई' का लोकार्पण पंकज बिष्ट और प्रोफ़ेसर अली जावेद ने किया. लोकार्पण की औपचारिकता पूरी करने के बाद किताब पर बातचीत भी हुई. हाशिमपुरा 22 मई किताब इससे पहले अंग्रेज़ी, मराठी, तमिल भाषाओं में अनुवाद हो चुका है. अपनी किताब पर बात करते हुए विभूतिनाराण राय ने कहा, 'हाशिमपुरा जैसी घटना इस बात का उदाहरण है कि हम उपर से धर्मनिरपेक्ष तो थे लेकिन भीतर से हम साप्रदायिक हैं. अगर हम हाशिमपुरा को भूल गए तो भविष्य में और हाशिमपुरा होंगे.

अन्य कार्यक्रम में आलोचना पत्रिका के 61वें अंक का विमोचन संपादक संजीव कुमार, आशुतोष कुमार और आर चेतन क्रान्ति और इतिहासकार रविकांत और लेखक कृष्णकल्पित की उपस्थिति में किया गया. नामवर सिंह लंबे समय तक पत्रिका के प्रबंध संपादक रहे थे. पत्रिका की महत्ता पर बोलते हुए रविकांत ने कहा, 'आलोचना पत्रिका अंग्रेजी के आतंक से मुक्त है. पाठकों के लिये यह पत्रिका अपने समय में एक उम्मीद है.' हिन्दी और उर्दू के प्रकाशन में एक नए दौर की शुरूआत करते हुए राजकमल प्रकाशन और रेख्ता बुक्स संयुक्त रूप से किताबें लाने की घोषणा की.