विश्वविख्यात अमरीकी कवि वाल्ट व्हिटमैन की कविताओं का मैथिली में अनुवाद प्रकाशित हुआ है। मैथिली संग्रह का नाम है 'ई थिक जीवन'। मैथिली में अनुवाद व चयन कवि हरेकृष्ण झा ने किया है। वाल्ट व्हिटमैन हिंदी में काफी पढ़े व उदधृत किये जाते हैं। लेकिन विश्वस्तर के कवियों का हिंदी से इतर लोक भाषाओं में अनुवाद कम हुआ है। इस लिहाज से हरेकृष्ण झा का यह काम महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि वाल्ट व्हिटमैन की कविताएं उन्हीं की आत्मा का गान हैं। इन कविताओं की आवाज़ आप अपनी आत्मा में महसूस सकते हैं, 'आउ, कहलक आत्मा हमर / लिखि दी एहेन कविता सभ हमरा लोकनि अपन शरीरक लेल '
कहते हैं कि एक कवि जब जीवन-राग गाता है तो बंजर खेत लहलहाने लगता है । 'गायब हम गीत साहचर्यक / देखाएब हम जे की थिक ओ एकमात्र चीज़ जे कि समाहित करबे
' मुल्क कोई भी हो, आदमी के लिए दिक़्क़तें एक जैसी बचाए रखता है, 'हमहीं छी ओ खेहाड़ल ग़ुलाम / तड़पि उठैत छी हमहीं कुकुर सभक कटला पर / हावी अछि हताशा ओ नर्क हमरा पर / ताबड़तोड़ चलैत अछि गोली निशानेबाज़ सभक / पकड़ि लैत छी हम घेराबाक छड़ सभ केँ, चुबैत अछि जमल ख़ून हमर / पतराइत अछि हमर त्वचाक पसेना सेँ '
मैथिली अनुवाद के संबंध में हिंदी कवि शहंशाह आलम कहते हैं "ई थिक जीवन' में का अनुवाद ऐसा हुआ है कि ये कहना उचित होगा कि अनुवादक हरे कृष्ण झा ने वाल्ट व्हिटमैन की कविताओं की हर हरकत को पूरी सफ़ाई से पकड़ा है यानी इन कविताओं की अदा, गति और हिलने-डुलने तक का ख़्याल रखा है। इस वजह से ये सारी कविताएँ मैथिली की अपनी कविताएँ लगती हैं।"
'ई थिक जीवन' ( मैथिली कविता-संग्रह ) / कवि : वाल्ट व्हिटमैन / चयन और अनुवाद : हरे कृष्ण झा / प्रकाशक : श्रीवत्स प्रकाशन , श्रीभवनम्, कोइलख ( दक्षिण ), मधुबनी – 847 236 ( बिहार ) / मूल्य : 500