नई दिल्लीः कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शारीरिक दूरी बनाने और कोरोना भगाने के नारे का पालन शिक्षा और साहित्य जगत में खूब हो रहा है. इससे सामाजिक भी नहीं बन रही और बातें भी सामूहिक रूप से हो जा रहीं. इस तरह सेमिनार का स्थान वेबिनार ने ले लिया है. दैहिक दूरी के प्रोटोकॉल का पालन भी हो जा रहा है और ज्ञान-विज्ञान का आदान-प्रदान भी. दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंधित जाकिर हुसैन सांध्य महाविद्यालय जो सेमिनार के आयोजन में अपनी एक खास ठसक रखता था, लगातार वेबिनार का आयोजन कर रहा है.
इसी कोरोना काल में महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग ने 'वर्तमान संकट एवं आत्मनिर्भरता-एक अवसर' विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नीतीश्वर कुमार, जो इस समय भारत सरकार में संयुक्त सचिव हैं, ने अपने विचार रखे. आपदा में भी अवसर इसी को कहते हैं, जिसकी बुद्धिमत्ता से लाभ उठाने की आवश्यकता है. अर्थव्यवस्था के साथ-साथ साहित्य में भी नीतीश्वर कुमार की गहरी अभिरुचि है. कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार प्रभात रंजन ने किया. कार्यक्रम के आयोजक जय पराशर थे. पंकजेंद्र किशोर, जय किशन, रौशन कुमार, सरबजीत कौर आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई.