नई दिल्लीः आज स्वर-साम्राज्ञी, स्वरकोकिला, नाइटिंगेल ऑफ इंडिया और संगीत की देवी के रूप में दुनिया भर में प्रसिद्ध लता मंगेशकर का जन्मदिन है. उन पर किताब लिखने वाले 'लता सुर गाथा' के लेखक यतींद्र मिश्र के शब्दों में, “उनकी आवाज़ से चेहरे बनते हैं. ढेरों चेहरे, जो अपनी पहचान को किसी रंग-रूप या नैन-नक्शे से नहीं, बल्कि सुर और रागिनी के आइनें में देखने से आकार पाते हैं. एक ऐसी सलोनी निर्मिती, जिसमें सुर का चेहरा दरअसल भावनाओं का चेहरा बन जाता है. कुछ-कुछ उस तरह, जैसे बचपन में परियों की कहानियों में मिलने वाली एक रानी परी का उदारता और प्रेम से भीगा हुआ व्यक्तित्व हमको सपनों में भी खुशियों और खिलौनों से भर देता था. बचपन में रेडियों या ग्रामोफोन पर सुनते हुए किसी प्रणय-गीत या नृत्य की झंकार में हमें कभी यह महसूस ही नहीं हुआ कि इस बक्से के भीतर कुछ निराले ढंग से मधुबाला या वहीदा रहमान पियानो और सितार की धुन पर थिरक रही हैं, बल्कि वह एक सीधी-सादी महिला की आवाज़ कम वह झीना सा पर्दा है, जिस पर फूलों का भी, हरसिंगार की पंखुरियों का रंग और धरती पर चंद्रमा की टूटकर गिरी हुई किरणों का झिलमिल पसरा है.”
देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' और फिल्म के क्षेत्र के सबसे बड़े सम्मान दादासाहेब फाल्के से अलंकृत लता मंगेशकर की आवाज में भारत का दिल धड़कता है. देशभक्ति हो या पूजा के भजन, विदाई गीत हो या ममता भरी लोरी, शास्त्रीय संगीत हो या ग़ज़ल, मंगल वेला हो या मातम के गीत, उन्होंने हर भावना को अपने सुरों में ढाला है.जीते जी किंवदंती बन चुकी लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में गाने गाए. कोई इन गानों की गिनती 30 हजार से अधिक बताता है, तो कोई 50 हजार से अधिक. पर नंबरों से अधिक उनकी आवाज और वे सुर हैं, जिनका यह जलवा मधुबाला, नरगिस दत्त, जीनत अमान से लेकर काजोल और माधुरी दीक्षित तक बरकरार रहा. तभी तो सुरों के तीनों सप्तकों- मंद्र, मध्य और तार की सहजता के साथ शास्त्रीय, सुगम, भजन, गजल, पॉप, सभी प्रकार के गायन में अपना लोहा मनवाने वाली लता मंगेशकर को बधाई देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा, “स्वर, संस्कार और सादगी की अद्भुत संगम आदरणीय लता दीदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं. आपने संगीत की उच्चतम परंपराओं एवं मूल्यों को स्थापित कर अपनी मधुर वाणी से दुनिया भर में मिठास भरी है. आप स्वस्थ रहें और दीर्घायु हो ऐसी ईश्वर से कामना करता हूं.“