नई दिल्ली:  फिरोजशाह रोड स्थित रशियन कल्चर सेंटर में 'परिचय साहित्य परिषद' ने एक लघुकथा संगोष्ठी का आयोजन किया. इस अवसर पर देश भर से आये साहित्यकार जुटे और अपनी लघुकथा सुनाई. इस मौके पर कथाकार सुभाष नीरव के लघु कथा संग्रह 'बारिश तथा अन्य लघुकथाएं' और अक्षरा पत्रिका का लोकार्पण भी हुआ. यह संकलन नीरव द्वारा चुनी हुईं 51 लघुकथाओं का संग्रह है. इसके साथ ही इसमें हिंदी के वरिष्ठ लेखक बलराम अग्रवाल का लघुकथाओं पर केंद्रित विस्तृत आलेख भी शामिल है. इस कार्यक्रम में हिंदी साहित्य के कई दिग्गज शामिल हुए, जिनमें वरिष्ठ कथाकार चित्रा मुद्गल, उर्मिल भूषण, महेश दर्पण, बलराम अग्रवाल, सुभाष चंदर, सुभाष नीरव, कांता रॉय, लक्ष्मीशंकर वाजपेई और अनिल मीत शामिल थे.
जिन रचनाकारों ने अपनी लघुकथाओं से श्रोताओं को प्रभावित किया उनमें डा सीतेश आलोक, अशोक वर्मा, हरनाम शर्मा, घनश्याम मैथिल 'अमृत', अनिल शूर आजाद, डॉ पूरन सिंह, अंजू खरबन्दा, मनोज अबोध, डा सुषमा गुप्ता, शोभा रस्तोगी, उपमा, नीता सैनी, सन्दीप तोमर, सतीश खनगवाल और रेणुका सिंह आदि शामिल हैं. अपने वरिष्ठ कथाकारों के सामने अपनी रचनाएं पढ़ जहां कई युवा कथाकार भावविह्वल थे, वहीं वरिष्ठ कथाकारों को इस बात का संतोष रहा कि ये कथाकार न केवल बहुविध विषयों पर लिख रहे, बल्कि आसपास के परिवेश से भी कथानक उठा रहे. जाहिर है इससे हिंदी लेखन जगत और भी समृद्ध हो रहा.