लखनऊः नवाबों की नगरी में दस दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला मोतीमहल वाटिका लान में लगा है. दि फेडरेशन ऑफ पब्लिशर्स एंड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इंडिया के सहयोग से केटी फाउण्डेशन व फोर्सवन द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को समर्पित यह मेला 29 सितंबर तक चलेगा. मेले का उद्घाटन एडवोकेट रामजी दास, संरक्षक मुरलीधर आहूजा, भाजपा नेता भारत दीक्षित व प्रदेश ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया ने मिलकर किया. वकील रामजी दास ने पुस्तकों को बहुमूल्य बताते हुए कहा कि अगर हम पुस्तकों को अपना गाइड बना लें तो वह जीवन भर आपका साथ निभाती रहेंगी. भारत दीक्षित ने कहा कि किताबें हमें जीने की राह सुझाती हैं. पुस्तक कोई भी हो उसमें किसी न किसी तरह का संदेश हमेशा छिपा रहता है. बिंदु जैन के संचालन में चले उद्घाटन समारोह में संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने कहा कि लखनवी संस्कृति का अंग बन चुके इस मेले में हर साल बहुत कुछ नया होता है. इस बार से मेले में किसी एक राज्य को अतिथि राज्य के तौर पर शामिल करने की शुरुआत की गई है. इस बार गुजरात को अतिथि राज्य का दर्जा मिला है. वहां के पर्यटन विभाग व अहमदाबाद के स्टॉल सजे हैं.
हर किताब पर कम से कम 10 फीसदी छूट के साथ मुफ्त प्रवेश वाले इस मेले में विमोचन, परिचर्चा, लेखक से मिलिये आदि विविध साहित्यिक कार्यक्रम, लोकनृत्य, कार्यशाला, कवि सम्मेलन, सांस्कृतिक गतिविधियां व प्रतियोगिताएं जारी हैं. इसी के तहत साहित्य उत्थान परिषद ने रंजीत शर्मा को पं रविन्द्र नाथ मिश्र सम्मान से सम्मानित किया. ऐसे सम्मान समारोह रोजमर्रा का हिस्सा हैं. मेले में मुख्य आकर्षण प्रधानमंत्री पर आधारित आदमकद आकार की किताब है. मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र कहलाने वाली किताबों के इस मेले में उप्र ओलम्पिक संघ के महासचिव आनन्देश्वर पाण्डेय को प्रदेश गौरव सम्मान के अलावा लोकनृत्य कार्यशाला, उर्दू व गुजराती सिखाने की कक्षाएं भी चल रही हैं. इनके अलावा आई चेकअप कैम्प भी लगा है. मेले में दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, प्रयागराज सहित देश के प्रमुख प्रतिष्ठित पुस्तक प्रकाशक शामिल हैं. कथक, गजल, संगीत, कवि सम्मेलन, मुशायरा, धनुर्विद्या प्रदर्शन, ड्राइंग प्रतियोगिता, लोकनृत्य आदि के कार्यक्रम मेले में आकर्षण का केंद्र हैं.