लंदन: लंदन के नेहरू सेन्टर में एक ख़ूबसूरत सांस्कृतिक संध्या भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य के नाम रही. इस कार्यक्रम में सुहानी धानकी मोदी ने भरतनाट्यम की  ख़ूबसूरत प्रस्तुति की. यों तो धानकी की लंदन में यह पहली प्रस्तुति थी. मगर उन्होंने अपनी पहली ही प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया. शिव स्तुति की इस प्रस्तुति में उनकी मेहनत साफ़ दिख रही थी. कार्यक्रम के दूसरे भाग में लंदन में रह रही इंदु बारोठ, चंडीगढ़ की राजवन्ती मान एवं इन्दौर की मीना गोदरे अपनी-अपनी कविताओं का पाठ किया. इंदु ने अपनी कविता में एक ऐसे पिता की दर्दभरी भावनाओं को उकेरा जिसका पुत्र विदेश में जाकर बस गया है. मीना गोदरे ने कुछ मुक्तकों के अतिरिक्त देश प्रेम की रचना सुनाई, तो राजवन्ती की कविताओं में समाज से कुछ तीखे प्रश्न शामिल थे.
कार्यक्रम का एक खास आकर्षण मुंबई की मंजु लोढ़ा का एक घंटे का एकल पाठ था, जिसमें मंजु लोढ़ा की याददाश्त ने दर्शकों को बेहद प्रभावित किया, कि कैसे बिना किसी काग़ज़ के पुर्ज़े की सहायता के वह घंटे भर लगातार रचना पाठ करती रहीं. उनकी रचनाओं में मनुष्य के बचपन से बुढ़ापे तक की पूरी यात्रा अनुभव की जा सकती थी. प्रत्येक श्रोता को ऐसा महसूस हुआ जैसे मंजु उसी के जीवन की दास्तान सुना रही हैं. यह केवल कविता पाठ ना होकर एक पूरी प्रस्तुति थी. श्रोताओं ने बीच बीच में करतल ध्वनि से मंजु के कविता पाठ की सराहना की. कार्यक्रम की शुरुआत में नेहरू सेन्टर के उप-निदेशक बृज कुमार गुहारे ने उपस्थित मेहमानों का स्वागत किया. कथाकार तेजेन्द्र शर्मा ने संचालन के दौरान अपनी ग़ज़लों के शेर भी सुनाए और बार- बार दर्शकों की तालियों से तारीफ़ बटोरी.