मुंगेर: प्रख्यात साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु की 101 वी जयंती पर नगर भवन में रेणु चेतना मंच, ब्रह्मर्षि चेतना मंच और नागरिक सम्मान समारोह समिति के संयुक्त तत्वावधान में मुंगेर गंगा पुल निर्माण संघर्ष के आंदोलनकारी योद्धाओं का अभिनंदन सह सम्मान समारोह किया गया. अध्यक्षता गंगा पुल के आंदोलनकारी अमरनाथ प्रसाद सिंह व मंच संचालन ब्रह्मऋषि चेतना मंच के अध्यक्ष विमलेंदु राय ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत रेणु के तैलचित्र पर पुष्पांजलि से हुई. मंच के संयोजक मुनीलाल मंडल ने रेणु की जीवनी पर प्रकाश डाला. वक्ताओं ने यह कहा कि रेणु ने हमेशा अपनी माटी के पक्ष में लेखनी चलाई और वे हमेशा उपेक्षितों की आवावाज बने रहे. इसलिए स्थानीय पुल कर किए गए आंदोलनकारियों का सम्मान आवश्यक है. मंच के अध्यक्ष नचिकेता मंडल ने कहा कि सभी आंदोलनकारियों ने पिता ब्रह्मानंद मंडल के साथ कदम से कदम मिलाकर आंदोलन को आगे बढ़ाया. ऐसे में सभी को सम्मानित करना नैतिक दायित्व है. ब्रह्मऋषि चेतना मंच के अध्यक्ष, सचिव डॉ हेमंत कुमार, ब्रह्मऋषि समाज के नवल किशोर प्रसाद सिंह ने ब्रह्मानंद मंडल को चांदी का मुकुट पहनाकर व शाल देकर सम्मान बढ़ाया.
डॉ हेमंत ने कहा कि मुंगेर गंगा पुल का निर्माण ब्रह्मानन्द मंडल व साथियों के अथक प्रयास से हुआ है. नीलम राय, सुबोध वर्मा , जागृति के संस्थापक कमल कुमार कमल सहित दर्जनों ने पूर्व सांसद को सम्मानित किया. पूर्व सांसद ने आंदोलन में शामिल जीवित लोगों और उनके स्वजनों को शाल और मोंमेंटो देकर सम्मान बढ़ाया. 25 अक्टूबर 1994 से सात नवंबर 1994 तक किए हुए अनशन में मौलाना गुफरान अशरफी, अमरनाथ प्रसाद सिंह, रघुनंदन प्रसाद सिंह पटेल , महावीर प्रसाद यादव, शंभू सिंह चंदेल, मसूद उल हसन, दीपक कुमार पोद्दार , कृष्णदेव मंडल, यदुनंदन, उदय कुमार, अजय कुमार, जागृति संस्था के संस्थापक अध्यक्ष कमल कुमार कमल, कृष्णा प्रसाद , विजयव्रती आर्य, राजेश जैन, शिवानंद साहू, श्री कृष्णा मंडल, उमेश सिन्हा, कामरेड दशरथ सिंह, सहित 72 आंदोलनकारी को सम्मानित किया गया. धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश महासचिव बटेश्वर प्रसाद सिंह ने किया.
डॉ हेमंत ने कहा कि मुंगेर गंगा पुल का निर्माण ब्रह्मानन्द मंडल व साथियों के अथक प्रयास से हुआ है. नीलम राय, सुबोध वर्मा , जागृति के संस्थापक कमल कुमार कमल सहित दर्जनों ने पूर्व सांसद को सम्मानित किया. पूर्व सांसद ने आंदोलन में शामिल जीवित लोगों और उनके स्वजनों को शाल और मोंमेंटो देकर सम्मान बढ़ाया. 25 अक्टूबर 1994 से सात नवंबर 1994 तक किए हुए अनशन में मौलाना गुफरान अशरफी, अमरनाथ प्रसाद सिंह, रघुनंदन प्रसाद सिंह पटेल , महावीर प्रसाद यादव, शंभू सिंह चंदेल, मसूद उल हसन, दीपक कुमार पोद्दार , कृष्णदेव मंडल, यदुनंदन, उदय कुमार, अजय कुमार, जागृति संस्था के संस्थापक अध्यक्ष कमल कुमार कमल, कृष्णा प्रसाद , विजयव्रती आर्य, राजेश जैन, शिवानंद साहू, श्री कृष्णा मंडल, उमेश सिन्हा, कामरेड दशरथ सिंह, सहित 72 आंदोलनकारी को सम्मानित किया गया. धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश महासचिव बटेश्वर प्रसाद सिंह ने किया.