नई दिल्लीः साहित्य अकादमी सभागार में पंचम हरिकृष्ण देवसरे बाल साहित्य पुरस्कार व सम्मान समारोह 2018 एवं बाल साहित्य संगोष्ठी का आयोजन हुआ. वर्ष 2018 के लिए यह पुरस्कार रावेन्द्र कुमार रवि को उनकी कृति 'वृत्तों की दुनिया' के लिए दिया गया. हरिकृष्ण देवसरे बालसाहित्य पुरस्कार गत पांच वर्षों से लगातार आयोजित होता आ रहा है. देश में पहली बार ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यमों पर मंगाई गई प्रविष्टियों के आधार पर आयोजित यह पुरस्कार, अपनी निष्पक्षता, सुव्यवस्थित प्रक्रिया और वरिष्ठ निर्णायक मंडल के चलते भारत के सबसे प्रतिष्ठित बालसाहित्य पुरस्कारों में गिना जाता है.  इस वर्ष साहित्य अकादमी के सहयोग से पुरस्कार समारोह के दौरान विशेष बाल साहित्य संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया.  जिसका विषय था, 'हिंदी बालसाहित्य के संवर्धन में डिजिटल माध्यमों का योगदान एवं प्रयोग'. इस संगोष्ठी में वक्ता के रूप में पिछले सालों के हरिकृष्ण देवसरे बालसाहित्य पुरस्कार विजेता ज़ाकिर अली रजनीश, पंकज चतुर्वेदी, मोहम्मद अरशद खान एवं रावेन्द्र कुमार रवि शामिल हुए. संगोष्ठी का संचालक डॉ मधु पंत एवं देवेंद्र मेवाड़ी ने किया.

हरिकृष्ण देवसरे बालसाहित्य न्यास की कार्यकारी ट्रस्टी क्षिप्रा देवसरे भारती के मुताबिक साल 2018 के लिए पुरस्कार का चयन काफी कठिन था. इस बाल पुरस्कार प्रतियोगिता में न्यास को अभूतपूर्व संख्यां में प्रविष्टियां प्राप्त हुई. न्यास द्वारा विशेष उपक्रम के बाद प्रविष्टियों का चयन किया जा सका. इन प्रविष्टियों के मूल्यांकन हेतु एक वरिष्ठ व सक्षम निर्णायक मंडल गठित किया गया, जिसके सदस्य के रूप में चिल्ड्रेन्स बुक ट्रस्ट की संपादक नवीन मेनन, बाल साहित्यकार एवं बाल पत्रिका संपादक भैरों लाल गर्ग और मनीषा ने सहयोग किया. न्यास की कार्यकारी समिति ने निर्णायक मंडल के निर्णय और विचारों का बारीकी से अवलोकन किया. इस समिति में डॉ. मधु पंत, डॉ. विमलेशकांति वर्मा, देवेन्द्र मेवाड़ी, क्षमा शर्मा, ब्रजेन्द्र त्रिपाठी एवं बालेंदु शर्मा 'दाधीच' शामिल थे. इनकी संस्तुति पर रावेन्द्र कुमार 'रवि' को उनकी कृति 'वृत्तों की दुनिया' के लिए यह प्रदान किया गया और पुरस्कार स्वरुप व्यक्तिगत सम्मान पत्र एवं 75000 रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई. याद रहे कि इन सभी के सर्वसम्मत निर्णय अनुसार न्यास हरिकृष्ण देवसरे बालसाहित्य सम्मान पत्र बालस्वरूप राही और परशुराम शुक्ल को प्रदान किया. न्यास इस सम्मान के तहत हर साल उन विभूतियों को भी सम्मानित करता है, जिन्होंने बालकों के सृजनात्मक, बौद्धिक तथा सांस्कृतिक विकास के लिए अपना सारा जीवन अर्पित कर दिया. न्यास की अध्यक्षा विभा देवसरे ने परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप में अपने साथ जुड़े सभी सहयोगियों को हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया.