लखनऊ: राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश ने उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के यशपाल सभागार में एक पुरस्कार व सम्मान समारोह का आयोजन किया, जिसमें देशभर के 24 साहित्यकार बुलाए गए थे. इन साहित्यकारों को एक-एक लाख रुपए की सम्मान राशि के साथ प्रमाणपत्र, स्मृति चिह्न और शॉल भेंट किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे ने कहा कि अब बदलते दौर में हिंदी को अपना विशाल हृदय दिखाना होगा. उसे अन्य भाषाओं के शब्दों को स्वीकार कर खुद को समृद्ध करना होगा. इसके साथ ही हिंदी को बोलचाल की भाषा में संस्कृत के अच्छे शब्दों को भी लेना होगा. सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारियों की श्रेणी में हिंदी गद्य के क्षेत्र में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए 'साहू' बीपी जायसवाल को प्रताप नारायण मिश्र पुरस्कार दिया गया. हिंदी पद्य के क्षेत्र में डॉ सुशील कुमार अवस्थी को शिव सिंह 'सरोज' पुरस्कार तो बालकृष्ण भट्ट पुरस्कार स्थानीय लेखक वीरेन्द्र सारंग को और कवयित्री महादेवी वर्मा पुरस्कार हिंदी पद्य की मौलिक प्रकाशित कृति 'अमृतांगन' के लिए प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा को दिया गया. इस क्रम में योगेन्द्र शर्मा को भगवती चरण वर्मा पुरस्कार, सुरेश बाबू मिश्रा को मीर तकी 'मीर' पुरस्कार, हरीलाल मिलन को सुब्रह्ममण्यम भरती पुरस्कार, चरन सिंह बशर को जोश मलिहाबादी पुरस्कार, तुम्बम रीबा को शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय पुरस्कार दिया गया.
राज्य कर्मचारियों की श्रेणी में कुमार निर्मलेन्दु को पं महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार, सुनीता सिंह को सुमित्रानन्दन पंत पुरस्कार, तरुण निशांत को भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार, बुलन्दशहर के जिलाधिकारी व साहित्यकार रवींद्र कुमार को अमृतलाल नागर पुरस्कार, डॉ अखिलेश निगम अखिल को डॉ विद्या निवास मिश्र पुरस्कार, आलोक कुमार दुबे को श्याम सुन्दर दास पुरस्कार, मुकुल मनोहर अस्थाना मुकुल महान को शिव मंगल सिंह 'सुमन' पुरस्कार, मानस मुकुल त्रिपाठी मानस को गया प्रसाद शुक्ल 'सनेही' पुरस्कार, शंकरजी सिंह को डॉ हरिवंश राय बच्चन पुरस्कार, डॉ नीलम रावत को रामधारी सिंह 'दिनकर' पुरस्कार, सत्यपाल को मिर्जा असदउल्ला खां 'गालिब' पुरस्कार, शुभम श्रीवास्तव ओम को फिराक गोरखपुरी पुरस्कार, अविनाश कुमार झा को अमीर खुसरो पुरस्कार, अनूप कुमार को अकबर इलाहाबादी पुरस्कार दिया गया. इसके अलावा दो अन्य पुरस्कार भी दिए गए. 21 हजार रुपए का ओम प्रकाश चतुर्वेदी 'पराग' गीत पुरस्कार बजरंग बिहारी तिवारी और 11 हजार रुपए का रमन लाल अग्रवाल पुरस्कार, शैलेन्द्र मधुर को दिया गया. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव रहे. अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष हरिओम ने और संचालन महासचिव दिनेश चन्द्र अवस्थी ने की. इस अवसर पर संस्थान की त्रैमासिक पत्रिका 'अपरिहार्य' और वरिष्ठ साहित्यकार सुशील अवस्थी की पुस्तक 'शब्दों के मोर पंख' का विमोचन भी हुआ.