उदयपुरः राजस्थान साहित्य अकादमी ने पुस्तकों के प्रकाशन की दिशा में सहयोग करने हेतु विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत 19 लाख रुपए के सहयोग की घोषणा की.  राजस्थान साहित्य  अकादमी सचिव डॉ बसंत सिंह सोलंकी ने बताया कि कोरोना काल और दूसरे व्यवधानों के चलते पुस्तक प्रकाशन में आई अड़चनों को दूर करने की यह एक सकारात्मक कोशिश है. इस घोषणा के तहत 'पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग' योजना अन्तर्गत 85 पांडुलिपियों पर लेखकों को 13.45 लाख रु. का आर्थिक सहयोग स्वीकृत किया गया है. साहित्यिक पत्र-पत्रिका सहयोग योजना में 5 पत्रिकाओं को 75 हजार रु. का सहयोग स्वीकृत किया गया है. इसके अलावा साहित्यकार आर्थिक सहयोग अन्तर्गत 1.08 लाख रु. का आर्थिक सहयोग स्वीकृत किया गया है.
सोलंकी के मुताबिक 'पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग' योजना के तहत यशपाल शर्मा यशस्वी के काव्य संकलन 'नीड़ से बिछडे़ परिंदे ', जयपुर निवासी कैलाश भारद्वाज के काव्य संकलन 'त्रय महिमा', बीकानेर के राजूराम बिजारणियाँ  के काव्य संकलन 'हो सके तो लौट आना', उदयपुर के गौरीकान्त शर्मा के कथा संकलन 'गिर्वा', बीकानेर के ही ह श बी. शर्मा के निबन्ध संकलन 'प्रस्थान बिंदु', कोटा के किशन रतनानी के बाल साहित्य 'अम्माँ की पोटली', जयपुर की डॉ स्वर्णलता के काव्य संकलन 'समय शिला पर उत्कीर्ण शब्द' जैसी कृतियों में से प्रत्येक को 25 हजार रु. स्वीकृत किए गए हैं. कई दर्जन अन्य कृतियों के लिए 15 हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं. प्रकाशित ग्रंथों सहयोग योजनान्तर्गत कुल 31 पुस्तकों पर लेखकों को 3.72 लाख रु. का आर्थिक सहयोग स्वीकृत किया गया है. .