नई दिल्लीः इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फ़ेस्टिवल द्वारा पेंसिलविनिया के यॉर्क शहर में हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए पिछले दिनों एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कवि गोष्ठी में भारतीय प्रवासियों के अलावा कई विदेशी साहित्यप्रेमी भी उपस्थित थे. इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ट्रूडी स्टीफलर थी. कार्यक्रम  इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल न्यास की मार्गदर्शिका, राष्ट्रवादी गीतकार व लेखिका निशा नंदिनी भारतीय के पेंसिलविनिया दौरे के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था, जिसमें स्वयं उनके काव्य पाठ के अलावा जिन लोगों ने अपनी कविताएं सुनाईं, उनमें प्रमुख थे एडन, मैरी, रुहिता, स्मिता, लक्ष्मी प्रसाद, लियाम, कार्ली, अक्षत, रवि आदि. मैरी ने 'माई लक', स्मिता ने 'मेरा भारत', रुहिता ने 'मेरा विद्यालय', एडन ने 'माई मदर', लक्ष्मी प्रसाद ने 'मौसम बदलते रहेंगे', अक्षत ने 'तुम कहां थे कहां आ गए' तथा निशा नंदिनी ने 'प्रयत्न करने वाला कभी हार नहीं सकता है' और 'हर भाषा मधुर है' कविता का पाठ किया.

इस कवि गोष्ठी की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि सभी लोगों को भारत की भाषा व संस्कृति पर कुछ बोलना था. जिसमें सभी लोगों ने अपने सकारात्मक विचार रखते हुए भारत की भूरि भूरि प्रशंसा की और भारत दर्शन की इच्छा व्यक्त की. कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने बहुत आनंद के साथ कविता पाठ किया व सुनने वालों ने भरपूर आनंद लिया. याद रहे कि  इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फ़ेस्टिवल एक बहुभाषी न्यास है, जिसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं को व उन भाषाओं के रीति-रिवाजों व संस्कृति को देश के साथसाथ विदेश में भी आगे लाना है. न्यास का मानना है कि इसके बिना हम भारत और भारतीयता की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. आज भारतीय भाषाओं पर संकट गहरा रहा है, जिसे हम सब मिलकर दूर करने का प्रयत्न कर रहे हैं।