नई दिल्लीः दैनिक जागरण के 'हिंदी हैं हम' उपक्रम के अंतर्गत अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता एक सराहनीय कदम है. मेरे माता-पिता दैनिक जागरण के नियमित पाठक रहे हैं. इसीलिए कई वर्षों से मेरे दिन की शुरुआत भी दैनिक जागरण पढ़ कर ही होती रही है.  ये कहना है अखिल भारतीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता के विश्वविद्यालय श्रेणी में पचास हजार रुपए का तृतीय पुरस्कार जीतने वाले लखनऊ के आनंद कुमार सिंह का. सिंह ने कहा कि हिंदी के समर्थन में दैनिक जागरण हमेशा से ही विशेष आयोजन करता आया है. दैनिक जागरण द्वारा हिंदी दिवस 2021 के अवसर पर घोषित अखिल भारतीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता का विज्ञापन देख कर मैंने इसमें प्रतिभागिता की. मैंने 'मातृभाषा में शिक्षा और शोधः बौद्धिक संपदा के लिए लाभदायक' विषय पर निबंध के जरिए अपने विचार रखे. दैनिक जागरण का राजभाषा हिंदी के लिए यह समर्पण अभिनंदनीय है. जब देश का नंबर एक अखबार इस तरह की पहल के लिए आगे आता है तो निश्चित ही उसका प्रबल संदेश होता है. विशेषकर युवा पीढ़ी को हिंदी से जोड़ने के लिए इस तरह की प्रतियोगिताएं बेहद उपयोगी सिद्ध होंगी.

आनंद कुमार सिंह ने बताया कि दस वर्ष पूर्व दैनिक जागरण द्वारा ही आयोजित अखिल भारतीय फोटोग्राफी प्रतियोगिता 'पहल' में उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय पुरस्कार मिला था, और यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि उन्हें दैनिक जागरण द्वारा ही प्रायोजित इस अखिल भारतीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय श्रेणी में तृतीय पुरस्कार मिला है. उन्होंने उम्मीद जताई कि दैनिक जागरण समूह आने वाले समय में भी राजभाषा हिंदी के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा. आनंद ने यह पुरस्कार हाल ही में दिवंगत हुए अपने छोटे भाई आशीष कुमार सिंह को श्रद्धांजलि स्वरूप अर्पित किया. लखनऊ के मूल निवासी आनंद कुमार सिंह वर्तमान में जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली से पीएचडी की पढ़ाई कर रहे हैं. पूर्व में उन्हें राष्ट्रीय, राज्य, जिला एवं विश्वविद्यालय आदि स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं. शोध, सांस्कृतिक लेखन, फिल्में देखना और ऐतिहासिक जगहों पर घूमना पसंदीदा कार्यों में से हैं. दैनिक जागरण द्वारा अखिल भारतीय हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता में कोलकाता की हिंदी सेवी संस्था प्रभा खेतान फाउंडेशन और श्री सीमेंट का सहयोग मिला.