इलाहाबादः वाणी प्रकाशन की ओर से इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में स्थित निराला सभागार में दिनांक 10 से 14 सितंबर तक 'श्रेष्ठ साहित्य पुस्तक प्रदर्शनी' लगाई गई है, जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि, सुप्रसिद्ध समालोचक एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रदर्शनी किया. इस अवसर पर प्रो. सिंह ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी पुस्तकों से दूर होती जा रही है. समाज को पुस्तकों से जोड़ने के लिए इस तरह के आयोजन अत्यन्त आवश्यक हैं. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद एक साहित्यिक चेतना का शहर है. इधर कुछ समय से शहर की साहित्यिक उत्कृष्टता का क्षरण हो रहा है. ऐसे में दिल्ली के वाणी प्रकाशन ने इलाहाबाद शहर में अपनी शाखा खोली है और इलाहाबाद शहर की प्राचीन साहित्यिक श्रेष्ठता को फिर से स्थापित करने का संकल्प लिया है. वाणी प्रकाशन की यह पहल सराहनीय है.
प्रो. हेरम्ब चतुर्वेदी का कहना था कि बिना श्रेष्ठ पुस्तकों के कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ सकता. उन्होंने कहा कि पुस्तकें जीवंत और गतिशील समाज के श्वास-प्रःश्वास की तरह हैं. वाणी प्रकाशन ने प्रदर्शनी में उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों को एक जगह इकट्ठा करने का प्रयास किया है, जो सराहनीय है. मीडिया विशेषज्ञ डॉ. धनंजय चोपड़ा ने इलाहाबाद में शाखा खोलने के लिए वाणी प्रकाशन का स्वागत करते हुए दावा किया कि इससे इलाहाबाद का साहित्यिक परिदृश्य समृद्ध होगा. यहां पर प्रदर्शित पुस्तकें हिंदी की श्रेष्ठ पुस्तकें हैं और इस प्रदर्शनी से छात्रों को हिंदी साहित्य को समझने में मदद मिलेगी. कथाकार और कवि डॉ. कीर्ति कुमार सिंह ने पुस्तक प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इलाहाबाद में इस प्रकाशन का यह पहला कार्यक्रम है. आशा है अब हमें शहर में एक से एक श्रेष्ठ साहित्यिक कार्यक्रम देखने को मिलेंगे. इससे इलाहाबाद शहर को एक नयी साहित्यिक ऊर्जा और गति प्राप्त होगी. कार्यक्रम का संचालन नन्दल हितैषी ने किया. कार्यक्रम में वाणी प्रकाशन के वरिष्ठ विक्रय अधिकारी श्रीकान्त अवस्थी, स्थानीय प्रबन्धक विनोद तिवारी, अरिन्दम घोष, डॉ. कृपा शंकर पांडेय, हितेश सिंह, सर्वेश सिंह, आलोक सिंह, रचना आनन्द गौड़ आदि उपस्थित थे. प्रदर्शनी 10 से 14 सितंबर तक सभी के लिए खुली है.