इंदौरः स्थानीय राणी सती गेट स्थित संतोष सभागार में कवि पंकज दीक्षित के काव्य संग्रह 'मैं एक और भी हूँ' पर परिचर्चा के साथ ही एक कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ. शुरुआत पत्रकार और ब्लॉग राइटर प्रकाश हिंदुस्तानी के वक्तव्य से हुई. उन्होंने इस संग्रह के कुछ खास आयामों पर प्रकाश डाला. इसके बाद साहित्यकार हरे राम वाजपेयी ने इस संग्रह की समीक्षा इतने प्रभावी ढंग से की कि लोग देर तक तालियां बजाते रहे. कवि ने भी अपनी बात रखी. वरिष्ठ गीतकार सोम ठाकुर की उपस्थिति में लोगों ने कवियों और शायरों को सुना. काव्य गोष्ठी की शुरुआत महेंद्र सिंह चौहान ने की. इसके बाद निवेश साहू, अभय सिंह निर्भीक और अमन अक्षर की कविताओं को काफी सराहा गया.
पंकज दीक्षित की बेटे और बेटी पर लिखी कविताओं को भी खूब सराहना मिली, तो उनके शेरों को भी लोगों ने दाद दी. बरेली से आईं सिया सचदेव ने बता दिया कि आज भी दिल से लिखे गए शेरों का कोई जवाब नहीं. उनके हर शेर पर इंदौरी श्रोताओं ने तालियां बजाकर दाद दी. आगरा से आए राजकुमार रंजन की बेहतरीन आवाज़ में गाए गए गीतों ने माहौल खुशनुमा बना दिया. अंत मे वरिष्ठ गीतकार सोम ठाकुर ने अपनी चिर परिचित शैली में गीत सुनाकर कवि गोष्ठी को ऐतिहासिक बना दिया. पंकज पलाश ने पहली बार किसी कवि सम्मेलन का संचालन किया. श्रोताओं की मानें तो यह आयोजन सालों तक याद रखा जाएगा.