मुज़फ्फरपुरः टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव का उद्घाटन डॉ उषाकिरण खान के हाथों संपन्न हुआ. यह समारोह मुज़फ्फरपुर में सीवी रमन यूनिवर्सिटी एवं वनमाली सृजन पीठ के तत्वावधान में विश्वविद्यालय के भव्य परिसर में सम्पन्न हुआ. विश्व रंग पुस्तक यात्रा के अंतर्गत आयोजित रचना पाठ एवं विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे पुस्तकों से युवाओं को जोड़ने के अभियान किताबें करती हैं बातें कार्यक्रम को डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बिहार की धरती साहित्य की उर्वरा भूमि रही है और साहित्य यहां के हर व्यक्ति के रक्त में प्रवाह करता है. साथ ही जो युवा किताबों एवं साहित्यिक गतिविधियों से लगाव रखता है वो मानसिक रूप से बेहद मजबूत एवं संवेदनशील होता है. इसीलिये युवाओं को खूब किताबें पढ़नी चाहिये. ईश्वर ने मनुष्य मुख्य रूप से दो ही चीजें दी हैं-मन और बुद्धि. विचारों का प्रवाह ही मन है. जैसा आपका मन होगा वही आप होंगे.
इस अवसर पर कथा एवं कविता पाठ के दो सत्रों का आयोजन हुआ, जिसमें यशस्वी कथाकार अवधेश प्रीत, राकेश बिहारी, कविता और अन्य प्रदेशों से आमंत्रित रेखा कस्तुआर, मुकेश वर्मा, भावना शेखर आदि प्रसिद्ध लेखकों, कवियों, कथाकारों ने अपनी रचनाएं सुनाईं. अध्यक्षता कर रही डॉ उषाकिरण खान ने भी अपनी मार्मिक कहानी 'अम्मा मोरे भैया को भेजो कि सावन आया' सुनाई. दूसरे सत्र में भोपाल से आए साहित्यकारों बलराम गुमास्ता, महेन्द्र गगन, हीरालाल नागर के साथ बिहार के भी कुछ कवियों ने बेहतरीन काव्य-पाठ किया. यूनिवर्सिटी के निदेशक साहित्यकार संतोष चौबे का साहित्य के संवर्धन के लिए प्रयास सराहनीय लगा. यह कार्यक्रम उनकी बृहद योजनाओं की श्रृंखला की एक कड़ी था.