अहमदाबादः हिंदी साहित्य अकादमी गुजरात ने कवयित्री मालिनी गौतम के काव्य संग्रह 'चिल्लर सरीखे दिन' को कविता विधा के अंतर्गत वर्ष 2017 का 'श्रेष्ठ पुस्तक पारितोषिक' प्रदान किया है. हिंदी साहित्य अकादमी गुजरात ने एक विज्ञप्ति में इस आशय की घोषणा की. पिछले साल ही मालिनी गौतम को म. प्र. हिंदी साहित्य सम्मेलन का प्रतिष्ठित 'वागीश्वरी सम्मान' भी प्रदान किया गया था. यह लगातार दूसरा मौका है जब कविता विधा अंतर्गत साहित्य अकादमी गुजरात द्वारा मालिनी गौतम को श्रेष्ठ पुस्तक पारितोषिक प्रदान किया गया है. इसके पूर्व उनके कविता संग्रह 'एक नदी जामुनी सी' को 2016 का श्रेष्ठ पुस्तक पारितोषिक मिला था.

याद रहे कि झाबुआ में जन्मी डॉ मालिनी गुजरात के उच्च शिक्षा विभाग में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं, पर हिंदी में कविताएं लिख उन्होंने एक उम्दा मुकाम बनाया है. उन्हें इसी साल जनकवि मुकुट बिहारी सरोज स्मृति सम्मान से भी सम्मानित किया गया था. वे छन्द और मुक्त छन्द दोनों विधाओं में लिखती हैं. कविता, गजल, नवगीत विधाओं के चार संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. गुजराती दलित कविता तथा समकालीन गुजराती कथाकारों की कहानियों के अनुवाद की दो पुस्तकें प्रकाशनाधीन हैं. अपने कविता संग्रह 'एक नदी जामुनी सी' में उन्होंने एक अनूठा प्रयोग किया था. इस में नदी के बहाव का दर्द उन्होंने बयान किया है. नदी कभी स्त्री का रूप लेती है, तो कभी लड़की का. हर नदी एक कहानी है जिसकी कल कल बहती लहरों में आप कोई भी रंग तलाश सकते हैं. ये रंग कभी धोखे का है, कभी दरकते रिश्तों का, लेकिन नदी का बहाव साबित करता है कि सबसे चटख रंग प्यार का है. मालिनी की कविताएं प्यार की दास्तां बयां करती हैं.