नई दिल्लीः आओ गीत गुनगुना ले मंच के तत्वावधान में ऑनलाइन काव्य सम्मेलन का क्रम जारी है. पिछले दिनों मां की महिमा पर एक डिजिटल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार बृजेंद्र हर्ष ने की. मुख्य अतिथि थे कविवर अनिमेष शर्मा. विशिष्ट अतिथि के रूप में गीतकार डॉ राजीव पांडे उपस्थित थे, तो सानिध्य कवि के रूप में गज़लकार अनुपिन्दर सिंह अनूप ने शिरकत की. संचालन संजय जैन ने किया. कवि सम्मेलन का शुभारंभ कवयित्री अंजना अंजुम की सरस्वती वंदना से हुआ. फिर मां पर कविता की शुरुआत हुई. अध्यक्षता कर रहे बृजेंद्र हर्ष के इस मुक्तक ने सभी की वाहवाही लूटी:
मां के आंचल की जिस पर छाया है
समझो ईश्वर का उसपे साया है
रोज मां मां पुकारता है जो
उसने उत्तम नसीब पाया है…

कवि सम्मेलन में अनिमेश के इस शेर ने खूब दाद पाई:
मिली सबसे अधिक औलाद से जो
उसी अवहेलना का नाम है मां


डॉक्टर राकेश पांडे के इस गीत में सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया:
रोम-रोम रोमांचित करता सांसों का आधार
मां है मेरे आस-पास कहीं मां है मेरे आस-पास
नुपिन्दरसिंह अनूप के इस दोहे ने सभी का दिल जीता:
मां मंदिर में आरती मस्जिद की अजान
मत समझो तो कुछ नहीं समझो तो भगवान
गीतकार डॉ. जयसिंह आर्य ने इस अवसर पर मां को समर्पित इस गीत का पाठ कर सभी का मन मोह लिया:
बच्चे की किलकारी पर तो सौ सौ लॉर्ड लुटाती मां
जब तक लाल नहीं सो जाता लोरी उसे सुनाती मां…
जिन अन्य कवियों अपनी रचनाओं से वाहवाही लूटी उनमें प्रमुख हैं, विनय प्रताप सिंह, अजय जयहरि, सुरेन्द्र खास, प्रदीप मायूस, सूरज सिंह,अंजना अंजुम, रेखा पूनिया स्नेहिल, और पूनम रजा. याद रहे कि इस कवि सम्मेलन में हरिद्वार, रूड़की, राजस्थान, दिल्ली, शामली, मथुरा और कोलकाता के कवियों, गीतकारों ने हिस्सा लिया.