जालंधरः पंजाब कला साहित्य अकादमी ने करीब दो दर्जन महिला शायरों की गज़लों व नज़्मों के संग्रह 'बाद-ए-सबा' का विमोचन किया. यह बाद-ए-सबा की ओर से प्रकाशित संकलनों का चतुर्थ अंक है. इस अवसर पर एक विमोचन समारोह आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सुरेश सेठ ने की. सेठ ने अपने उद्बोधन में नारी शक्ति की तारीफ करते हुए कहा कि आज नारी जिंदगी के हर मुकाम पर अपनी हस्ती को साबित कर रही है. उनका कहना था कि उर्दू शायरी के द्वार पर महिलाओं की यह दस्तक स्वागत योग्य है. हिंदी समीक्षक डॉ. अनिल पांडेय ने कहा कि देश के काव्य इतिहास में यह संग्रह नई तहरीर लिखेगा. लायंस क्लब के प्रधान कुलविंदर फुल्ल ने कहा कि उर्दू शायरी का आनंद ही अलग है और इस संग्रह को पढ़ कर आनंद की अनुभूति होती है.
वरिष्ठ साहित्यकार दीपक जालंधर ने कहा यह संग्रह नायाब है. पंकस अकादमी के अध्यक्ष सिमर सदोष ने कहा कि उन्होंने सैकड़ों पुस्तकों की समीक्षा की है, लेकिन इस संग्रह को पढ़ते वक्त उन्होंने पाया कि बाद-ए-सबा की अध्यक्ष निर्मला कपिला ने उर्दू अदब की शालीनता को हर मुकाम पर बनाए रखा है, यही इस संग्रह की खास बात है और इसे दूसरों से अलग बनाती है. इस अवसर पर संकलनकर्ता और प्रकाशन की प्रेरणा निर्मला कपिला ने इस संग्रह के प्रकाशन और बाद-ए-सबा के चार पायदान पार करने के दौरान पेश आए अनुभवों को सबके साथ साझा किया. मंच का संचालन अमृतसर के उभरते शायर अर्जुन गुप्ता ने किया. इस मौके पर डॉ विनोद कुमार, डॉ अजय शर्मा, भोलानाथ कश्यप, कुलविंदर कौर, वीणा विज, नीलम जुल्का, कीर्ति केसर, कमलेश आहूजा, प्रो सोमनाथ, प्रो संदीप चहल, डॉ राज शर्मा, हरदयाल सागर, अमिता सागर, बलविंदर अत्री समेत कई गणमान्य लोग और भारी संख्या में साहित्य और गज़ल प्रेमी मौजूद थे.