नई दिल्लीः साहित्य अकादेमी के साहित्योत्सव 2022 के पांचवें दिन का मुख्य आकर्षण लेखक, सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर का संवत्सर व्याख्यान रहा. हालांकि इस दिन ट्रांसजेंडर कवि सम्मिलन भी हुआ और मीडिया और साहित्य विषय पर परिसंवाद के दूसरे दिन साहित्य और पत्रकारिता से जुड़े कई विद्वानों ने अपनी बात कही. डॉक्टर शशि थरूर के व्याख्यान का विषय 'द ग्रेट इंडियन नॉवल' था, जिसमें उन्होंने महाभारत के विभिन्न अनुवादों और उस पर लिखे गए शोध और आलोचनात्मक ग्रंथों के सहारे उसकी व्यापकता को प्रस्तुत किया.
शशि थरूर ने कहा कि 'महाभारत' पुस्तक भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, इसमें हमारी समूची भारतीय विरासत समाई हुई है. इस पुस्तक में ऐसे असंख्य रूपक हैं जो हमारी वर्तमान परिस्थिति की हर दशा को प्रतिबिंबित करते हैं. मैं महाभारत को आम लोगों का महाभारत मानता हूं. उन्होंने विभिन्न कला माध्यमों में महाभारत के रूपांतरण पर भी विस्तार से प्रकाश डाला. थरूर ने अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा कि महाभारत मेरे लिए एक धर्मनिरपेक्ष ग्रंथ है और मैं इसके द्वारा भारत के ज्ञान और धर्म की परिभाषा का पुनर्निरीक्षण करना चाहता हूं.