नई दिल्लीः गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद के संयुक्त तत्वाधान में गांधी दर्शन राजघाट में 'महात्मा गांधी और डायस्पोरा' के संदर्भों को रेखांकित करने हेतु दो दिवसीय  अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ. यह सम्मेलन विमर्श की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण रहा, इसमें अनेक देशों के विद्वानों ने भाग लिया. इस सम्मेलन में भारतीय डायस्पोरा के लिए गांधीजी के योगदान पर चर्चा हुई. प्रवासी संसार पत्रिका के संपादक राकेश पांडेय ने इसमें 'प्रवासी साहित्य, समाज और गांधी' विषय पर अपना आलेख प्रस्तुत किया. इतना ही नहीं इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में उनकी पुस्तक 'गांधी और गिरमिटिया' का लोकार्पण भी हुआ.

समारोह का उद्घाटन संस्कृति व पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने किया. विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध गांधीवादी प्रोफेसर रामजी सिंह थे. दक्षिण अफ्रीका के पूर्व उच्चायुक्त वीरेन्द्र गुप्ता, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद के महासचिव श्याम परान्डे, गांधी स्मृति व दर्शन समिति के निदेशक दीपांकर, पूर्व राजनयिक अनूप मुद्गल मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन नारायण कुमार ने किया. इस कार्यक्रम का विशेष आकर्षण गांधीजी की पौत्री तारा गांधी भट्टाचार्य जी रहीं. उन्होंने लगभग 1 घंटे तक सभी से संवाद किया और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ के अपने संस्मरणों को साझा किया. प्रोफेसर रामजी सिंह को सुनना अपने आप में एक उपलब्धि रही. गांधी आज भी कितने प्रासंगिक हैं, यह ऐसे कार्यक्रमों से आभास होता है.