नई दिल्लीः 'आपका बंटी', 'महाभोज' जैसे चर्चित उपन्यासों और अनगिनत मानवीय कहानियों की रचनाकार मन्नू भंडारी के निधन पर साहित्य जगत में शोक व्याप्त है. कई साहित्यकारों, पत्रकारों, फिल्म जगत और राजनीतिक नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वाले लोगों का तांता लग गया. इस दौरान उनकी कहानी 'यही सच है' पर खूब चर्चा हुई. याद रहे कि उनकी इस कहानी पर बासु चटर्जी के निर्देशन में आई फिल्म 'रजनीगंधा' ने साहित्य और जनप्रिय सिनेमा के बीच एक नया रिश्ता कायम किया था. बाद में बासु चटर्जी के लिए उन्होंने कुछ और फिल्में भी लिखी थीं. उनकी कई कहानियों का नाट्य-मंचन भी हुआ. 'महाभोज' उपन्यास का उनका नाट्य-रूपांतरण आज भी देश भर में अनेक रंगमंडलों द्वारा खेला जाता है. राजकमल प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक अशोक माहेश्वरी ने इस शोकपूर्ण अवसर बताते हुए कहा कि उनकी लगभग सभी किताबें राधाकृष्ण प्रकाशन से ही प्रकाशित हुई हैं और वे हिंदी के सबसे ज्यादा पढे जाने वाले लेखकों में रही हैं. वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार क्षमा शर्मा ने कहा कि मन्नू जी अपने समय की सुपर स्टार थीं. अपने समकालीन रचनाकारों में वह एक आदर्श लेखिका थीं. सोशल मीडिया और साहित्य समूह में कई पत्रकारों, साहित्यकारों ने भंडारी के निधन पर दुख जताया, जिनमें ममता कालिया, उषा किरण खान, जेपी दास, लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, प्रभात कुमार, दिविक रमेश, निर्मला भुराड़िया, संजीव पालीवाल, चित्रा देसाई, प्रेम जनमेजय, मनीषा कुलश्रेष्ठ, डॉ दुर्गा प्रसाद अग्रवाल, रत्नेश्वर सिंह, प्रज्ञा पाण्डेय, संजय द्विवेदी, धीरेंद्र अस्थाना, शिखा वार्ष्णेय, लालित्य ललित, सविता सिंह, प्रभात रंजन, वैशाली माथुर, अदिति माहेश्वरी गोयल आदि शामिल रहे.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भंडारी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उनकी रचनाएं हिंदी साहित्य जगत में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मशहूर रचनाओं की लेखिका और कथाकार मन्नू भंडारी जी के निधन का समाचार दुखद है. उनकी रचनाओं में गंभीर सामाजिक मुद्दों की झलक थी. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति एवं उनके चाहने वालों को हिम्मत दें. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “मशहूर हिंदी फ़िल्म 'रजनीगंधा' मन्नु भंडारी की रचना 'यही सच है' पर आधारित है. हिंदी साहित्य में 'नई कहानी' कथा-आंदोलन की एक सशक्त आवाज़ के चले जाने से उत्पन्न रिक्तता को भर पाना आसान नहीं होगा.” राजस्थान भाजपा के विधायक नारायण सिंह देवल ने ट्वीट किया, “प्रसिद्ध लेखिका एवं उपन्यासकार श्रीमती मन्नू भंडारी जी का देहावसान हिंदी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.”