नई दिल्लीः राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शिक्षण और सीखने की प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग, भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने, शैक्षिक योजना एवं प्रबंधन के साथ-साथ दिव्यांग छात्रों के लिए पहुंच बढ़ाने पर जोर देती है. केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने देश भर के 49 शिक्षकों को राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार समारोह के अवसर पर यह बात कही. उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा के तहत सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी यानी आईसीटी का लक्ष्य स्कूलों और शिक्षक शिक्षण संस्थानों (टीईआई) को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का बुनियादी ढांचा प्रदान करना भी है ताकि स्कूल और शिक्षकों के शिक्षण में आईसीटी के नवीन उपयोग की सुविधा मिल सके, जिससे स्कूल और शिक्षकों के शिक्षण से जुड़े सभी क्षेत्रों में बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा में आईसीटी के उपयोग के लिए स्कूली शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में दी जाने वाली मान्यता शिक्षकों को अप्रत्यक्ष रूप से अपनी कक्षाओं में सामग्री-शिक्षा शास्त्र और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आईसीटी का व्यापक और उल्लेखनीय रूप से उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है. इन आईसीटी पुरस्कार विजेताओं को अन्य शिक्षकों को अपने निरंतर सलाह के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में आईसीटी की पहुंच को व्यापक बनाने की प्रक्रिया में आईसीटी राजदूत के रूप में कार्य करने और एक कुशल श्रमशक्ति तैयार करने के उद्देश्य से छात्रों के बीच उद्यमशीलता संबंधी कौशल विकसित करने की जिम्मेदारी भी दी जा रही है.साथ ही इस पुरस्कार को शिक्षण में संलग्न स्कूल परिसरों, सीआरसी, बीआरसी, बीआईईटी, डीआईईटी, सीटीई, आईएएसई, एससीईआरटी, एसआईई, एसआईईटी, एसआईएमएटी आदि और राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों तक उनकी सर्वश्रेष्ठ पहल के लिए विस्तारित करने की परिकल्पना की गई है.
मंत्री ने राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका की सराहना की और इस बात का उल्लेख किया कि भारतीय समाज में गुरुओं को अत्यधिक सम्मान दिया जाता है. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अथक प्रयासों एवं नवाचार और कोविड महामारी के दौरान भी अपने स्कूलों में प्रौद्योगिकी की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए आज सम्मानित किए जाने वाले सभी शिक्षकों को बधाई दी. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि डिजिटल विभाजन को पाटने की प्रमुख परियोजनाओं में दीक्षा, ई-पाठशाला, शिक्षकों एवं छात्रों के लिए आईसीटी पाठ्यक्रम, स्वयं पर स्कूल एमओओसी (युवा महत्त्वाकांक्षी दिमागों के लिए सक्रिय शिक्षण का अध्ययन संजाल), पीएमईविद्या (एक कक्षा, एक चैनल) और निष्ठा (स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों की समग्र उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल) ऑनलाइन मोड के माध्यम से एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये पहल किसी भी सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक या भौगोलिक बाधाओं से इतर जाकर प्रौद्योगिकी की पहुंच और संपर्क को बढ़ाने में मदद करती हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में बजट में की गई घोषणाओं ने डिजिटल शिक्षा से जुड़ी सभी पहल को और अधिक गति प्रदान की है. 200 डीटीएच टीवी चैनलों की शुरुआत, विज्ञान एवं गणित में 750 वर्चुअल लैब, शिक्षकों को डिजिटल शिक्षकों के रूप में बदलना आदि वर्ष 2022-23 के लिए हमारी सरकार द्वारा बजट में की गई कुछ नई घोषणाएं हैं. एनसीईआरटी एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने, संभावित उम्मीदवारों द्वारा ऑनलाइन स्वयं नामांकन, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश/संगठन स्तर के अधिकारियों से नामांकन प्राप्त करने, जूरी के माध्यम से अंतिम चयन के लिए राष्ट्रीय स्तर की जूरी बैठक के आयोजन में एक गहन प्रक्रिया अपनाता है, जिसे पारदर्शी तरीके से पूरा किया जा रहा है.