भोपालः बहुकला केंद्र भारत भवन के चार दशकों की यात्रा का उत्सव 'विविध कला समारोह' के साथ जारी है. मध्य प्रदेश की संस्कृति, पर्यटन और अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने इसके उत्सव का आरंभ करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि भारत भवन मध्य प्रदेश की कला एवं संस्कृति का संरक्षक और संवर्धक है. इसकी भूमिका को और अधिक व्यापक बनाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की परिकल्पना पर आधारित कलाग्राम की स्थापना की जायेगी. ठाकुर ने बताया कि कलाग्राम भारत भवन के अत: प्रसार की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और अनूठी पहल है. शासन द्वारा कलाग्राम की स्थापना के लिए 1 एकड़ 5 डेसिमिल जमीन भी भारत भवन को आवंटित हो चुकी है. भारत भवन की पुरानी धरोहर रंगमंडल को भी पुनः प्रारंभ किया जाएगा. रंगमंडल ने प्रदेश को अनेक प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध कलाकार दिए हैं. इससे प्रदेश के कलाकारों को अपनी साधना के लिए एक प्रतिष्ठित और उपयुक्त मंच हासिल होगा. साथ ही प्रदेश की प्रतिभाएं देश और विदेश में प्रदेश का नाम ऊंचा करेंगी. प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन एवं भारत भवन के न्यासी सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि किसी व्यक्ति के लिए 40 वर्ष उसके जीवन की ढलान की ओर संकेत करते हैं, वही किसी संस्था की स्थापना का जितना समय गुजरता जाता है, उसका सम्मान और अधिक बढ़ता जाता है. भारत भवन की 40 वर्ष की यात्रा में इस भवन को अनेक प्रतिष्ठित कलाकारों और रचनाकारों का सानिध्य प्राप्त हुआ है. इसी से प्रेरणा लेते हुए आगे भी भारत भवन राज्य की सांस्कृतिक और रचनात्मक धरोहर को सहेजते हुए इसे और अधिक समृद्ध करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देगा.
भारत भवन में 'विविध कला समारोह' के अवसर पर 17 फरवरी तक सुगम संगीत, आकर्षक नृत्य, स्लाइड शो, नृत्य नाटिका और कविता पाठ जैसी सांस्कृतिक गतिविधियां चल रही हैं. समारोह के पहले दिन संतोष संत के निर्देशन में स्वर वेणु गुरुकुल इंदौर के कलाकारों ने बांसुरी सप्तक की मधुर संगीतमयी प्रस्तुति दी. इस अवसर पर निदेशक भारत भवन अदिति कुमार त्रिपाठी सहित भारत भवन से जुड़े कलाकार, रंगकर्मी और बड़ी संख्या में आम जन उपस्थित थे. समारोह के दूसरे दिन 14 फरवरी को दोपहर 12 बजे रूपंकर कलाओं के लिए सम्मानित कलाकारों द्वारा स्लाइड शो एवं संवाद का आयोजन हुआ. शाम 7 बजे राष्ट्रीय कालिदास सम्मान से विभूषित अनिल रस्तोगी द्वारा अभिनीत नाटक 'आखिरी वसंत' की प्रस्तुति शुभदीप राहा के निर्देशन में दर्पण, लखनऊ के कलाकारों द्वारा की गई. समारोह के तीसरे दिन शाम 7 बजे सुचित्रा हरमलकर और साथी कलाकारों द्वारा कथक पर आधारित 'अमृतस्य नर्मदा' नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जाएगी. समारोह के चौथे दिन 16 फरवरी को दोपहर 2 बजे गुरुदत्त द्वारा निर्देशित फिल्म 'प्यासा' का प्रदर्शन,. शाम 7 बजे से संस्कृत के कवि मिथिला प्रसाद त्रिपाठी और रामनाथ झा, हिंदी के कवि यतींद्र मिश्र और अन्ना माधुरी तिर्की, ओड़िया कवि पारमिता सतपथी और मराठी कवि  कल्पना दुधाल द्वारा कविता पाठ किया जाएगा. अंतिम दिन 17 फरवरी को शाम 7 बजे राष्ट्रीय कालिदास सम्मान से विभूषित वामन केंद्रे द्वारा निर्देशित नाटक 'मोहे पिया' की रंगपीठ मुंबई के कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी.