नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय के अधीन भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने 9 अप्रैल को अपना स्थापना दिवस कार्यक्रम भव्य रूप से आयोजित किया. इस अवसर पर परिषद के मुख्यालय आजाद भवन के मुख्य सभागार में एक अत्यंत मनोरम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें देश विदेश के कई कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत के विदेश सचिव विजय गोखले एवं भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के महानिदेशक अखिलेश मिश्रा उपस्थित थे. केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष डॉक्टर कमल किशोर गोयनका, उप महानिदेशक नम्रता कुमार एवं शुभ लक्ष्मी त्रिपाठी भी कार्यक्रम में उपस्थिति थीं. सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद स्वादिष्ट भारतीय व्यंजनों का मेला लगा था, जिसमें देश-विदेश से आए हुए मेहमानों ने शिरकत की.
याद रहे कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद को स्थापित हुए 69 वर्ष हो गए हैं. 9 अप्रैल, 1950 को भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री डॉ मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की स्थापना की थी. यह मौलाना आजाद की दूरदृष्टि ही थी, जिन्होंने उस समय भारत के सांस्कृतिक महत्त्व को समझा और भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर स्थापित और प्रसारित करने तथा सांस्कृतिक संबंधों को अन्य देशों के साथ सुदृढ़ करने का निश्चय किया. यही वजह है कि वर्तमान समय में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद दूसरे देशों के साथ सांस्कृतिक आदान- प्रदान और उनके साथ कूटनीतिक संबंधों में महती भूमिका निभा रहा है. दिल्ली में परिषद का मुख्यालय तो है ही देश में परिषद के 17 क्षेत्रीय केंद्र भी हैं तथा वैश्विक स्तर पर 37 अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र भी कार्य कर रहे हैं.