नई दिल्लीः भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के वरिष्ठ प्रोफेसर और सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रोफेसर विनोद शर्मा को व्यक्तिगत श्रेणी में आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए चुना गया है. वे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन केंद्र के संस्थापक संयोजक हैं, जिसे अब राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के रूप में जाना जाता है.  शर्मा ने आपदा जोखिम को कम-से-कम करने (डीआरआर) से सम्बंधित विषय को राष्ट्रीय एजेंडा के प्रमुख कार्य के रूप में शामिल करने की दिशा में अथक प्रयास किए हैं. भारत में डीआरआर में उनके अग्रणी कार्य ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और वे लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) तथा अन्य सभी प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों (एटीआई) में आपदा प्रबंधन विषय के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं. सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में, उन्होंने जलवायु परिवर्तन और डीआरआर को जोड़ने के लिए पंचायत स्तर की तैयारी योजनाओं की शुरुआत करते हुए सिक्किम को डीआरआर लागू करने में एक आदर्श राज्य बनाया है.
याद रहे कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में देश में व्यक्तिगत स्तर पर तथा संगठनों के अमूल्य योगदान और नि:स्वार्थ सेवा को पहचान देने और उन्हें सम्मानित करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर दिया जाता है. संस्थान को मिलने वाला यह पुरस्कार इस साल गुजरात आपदा प्रबंधन संस्थान (जीआईडीएम) को मिला है. 2012 में स्थापित यह संस्थान गुजरात के आपदा जोखिम को कम-से-कम करने संबंधी क्षमता को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है. रणनीतिक रूप से डिज़ाइन किए गए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से, जीआईडीएम ने महामारी के दौरान बहु-संकट जोखिम प्रबंधन और इसे कम करने से संबंधित विभिन्न विषयों पर 12,000 से अधिक पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है. इस पुरस्कार के तहत विजेता संस्थान को 51 लाख रुपए नकद तथा एक प्रमाण पत्र एवं व्यक्तिगत स्तर पर सम्मान विजेता को 5 लाख रुपए नकद तथा एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है. अलंकरण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2019, 2020 और 2021 के पुरस्कार विजेताओं को भी सम्मानित करेंगे.