वाराणसीः संस्कृति प्रेमी, साहित्यकार, कलाकर्मी भी इनसान होते हैं और बीमारियों को लेकर जागरुकता पर उनका भी हक है, इसी सोच से मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र व कला कस्तूरी ने विश्व कैंसर दिवस पर 'कैंसर जागरुकता कार्यक्रम' आयोजित किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विख्यात सर्जन प्रो एचएस शुक्ला थे. उन्होंने कैंसर विजेताओं को चैंपियन की उपाधि दी. उन्होंने कहा कि वे ही वे सच्चे राजदूत हैं जिन्हें हम कैंसर विरोधी जागरुकता के उद्देश्य से जोड़ सकते हैं. इस व्याधि से लड़ कर इनकी ऊर्जा कई गुना हुई है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी का सबसे कारगर इलाज इसके प्रति जागरूकता है. प्रथम स्तर के कैंसर पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है. उन्होंने बताया कि सुश्रुत ने इसे अर्बुत कहा था, यानी केकड़ा. वे इस व्याधि के स्वभाव को पहचान रहे थे. केकड़ा ऐसा जीव है जो जहां से कटता है वहां फिर से बढ़ कर पूरा हो जाता है. उसके पंजे कट कर फिर बढ़ जाते हैं. कैंसरग्रस्त एक कोशिका भी बढ़ती है, कटने पर पुनः बढ़ जाती है. सौभाग्य है कि आज हम टारगेटेड ट्रीटमेंट में समर्थ हैं. जहां रोग है दवा ठीक शरीर में उसी जगह पर पहुंचती है. डॉ शुक्ला ने कहा कि यह बीमारी चार चीज़ों को टेस्ट करती है. आत्मबल, हितैषी, बैंक बैलेंस और परिवार.
इस अवसर पर गायिका शारदा दुबे का सम्मान किया गया. उनकी आपबीती बहुत प्रेरक थी. कैंसर को पराजित करने वाले अनिरुद्ध पांडेय, ग़ुलाम साबिर, गुरमीत कौर, झुमुर सेनगुप्ता ने भी अपने अनुभव साझा किए. विशिष्ट अतिथि डॉ एन के शाही जी ने मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र और कला कस्तूरी के प्रयास की सराहना की. प्रो चंद्रकला त्रिपाठी ने कैंसर जागरूकता प्रयास को अभियान बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि अपने जीवन को बड़ा मानवीय उद्देश्य देकर ही हम जीवन के प्रति अपना हक़ अदा कर सकते हैं. अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो आशाराम त्रिपाठी ने कहा कि मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र का उद्देश्य शिक्षा को मूल्यों से जोड़ कर सार्थक करना है. कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति प्रख्यात विदुषी गायिका सुचरिता गुप्ता की थी.नइस अवसर पर चिकित्सा विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो टी एम महापात्रा, प्रो रिफअत जमाल, प्रो शशि अग्रवाल, प्रो ज्योत्सना श्रीवास्तव, प्रो अर्चना कुमार, प्रो मंगला कपूर, प्रो सुषमा त्रिपाठी, प्रो वशिष्ठ नारायण त्रिपाठी, प्रो स्वर्ण लता, डॉ वसुंधरा पाण्डेय, डॉ आरती निर्मल, डॉ राजीव कुमार वर्मा, डॉ धर्मजंगडा, डॉ सुमिल तिवारी, पल्लवी त्रिपाठी, डॉ कविता मिश्रा, डॉ सरोज उपाध्याय, डॉ जीतेंद्र लालवानी, मुर्तज़ा आलम, विद्यार्थी जी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे. कार्यक्रम में सुचरिता गुप्ता म्यूजिक एकेडमी के प्रशिक्षितों ने वसंत गीत, होली गीत तथा शारदा दुबे द्वारा संस्कार गीत प्रस्तुत किए गए. संचालन कला कस्तूरी की सचिव डॉ शबनम खातून ने किया.