लखनऊ: गजल, ठुमरी, दादरा के लिये मशहूर मलिका-ए-तरन्नुम बेगम अख्तर की याद में लखनऊ की संगीत नाटक अकादमी में यादेंनाम से एक समारोह का आयोजन किया गया.संगीत नाटक अकादमी में एक यादें कार्यक्रम में कोलकाता से आई कलाकार पीउ मुखर्जी ने बेगम अख्तर के चर्चित गीतों को पेश किया. राग पंचम सिगारा में ठुमरी ननदिया काहे मारे बोल…. और टप्पा शैली में भूल जाये साडा दुख वे…. सुनाया। सुनने वालों को हममे तुममे करार था…. और तुम्हें याद हो कि न हो भी खूब पसंद आई. पीउ मुखर्जी के साथ तबले पर राशिद नियाजी व सारंगी पर पंडित विनोद मिश्र ने संगत दी. दिल्ली से आये किराना घराना शैली के गायक अमजद अली खान ने राग कौशिक ध्वनि में ठुमरी सांवरिया करे मनमानी.. और गजल तेरी बेवपफाई का… जैसे तमाम गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं का मनमोह लिया.  तबले पर सुभाष पाल, हारमोनियम पर पंडित र्ध्म नाथ मिश्र ने संगत दी.कार्यक्रम का संचालन अलका निवेदन ने किया. इस मौके पर अकादमी की अध्यक्ष डाक्टर पूर्णिमा पांडेय, उपाध्यक्ष डाक्टर ध्न्नू लाल गौतम और तरूण राज जैसे तमाम लोग मौजूद थे. 

फैजाबाद में पैदा हुई बेगम अख्तर का लखनऊ से बहुत गहरा रिश्ता था. बेगम अख्तर के मुंबई के सफर में लखनऊ बडा पडाव था. मुम्बई के बाद वह वापस लखनऊ आईं यहां भातखंडे संगीत महाविद्यालय में वह विजिटिंग प्रोपफेसर रही. उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक उनके शव को लखनऊ के ही ठाकुरगंज के पसंदबाग में दफनया गया था। बेगम अख्तर को पदमश्री और पदमभूषण जैसे अवार्ड से नवाजा जा चुका है ।