नई दिल्लीः साहित्य अकादमी ने प्रख्यात बांग्ला लेखक एवं विद्वान देवेश राय के  निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनके लेखकीय कर्म के साथ ही व्यक्तित्व को भी याद किया. हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर इस अवसर पर किसी शोक सभा का आयोजन नहीं हुआ. साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार देवेश राय आधुनिक भारत के श्रेष्ठ और वैविध्य पूर्ण लेखकों में से एक थे और उन्होंने अपने लेखन के केंद्र में हमेशा 'व्यक्ति' को रखा. वे भले ही आज हमारे बीच सशरीर न हो लेकिन अपनी लेखकीय विरासत से हमेशा हमारे बीच उपस्थिति रहेंगे.'
राव ने यह भी कहा कि देवेश राय अकादमी के सच्चे दोस्त थे और अकादमी के विभिन्न प्रयासों को प्रोत्साहित तो करते ही थे, लेकिन कोई गलती होने पर तुरंत टोकते भी थे. उन्होंने इस अवसर पर देवेश राय की पुस्तक 'तीस्ता पारेर वृत्तांत' जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया के अतिरिक्त 'बोरिसलर जोगन मंडल', 'मानुष खुन कोरे केनो' और 'समय असमयेर वृत्तान्त' जैसी उनकी अन्य महत्त्वपूर्ण पुस्तकों की चर्चा करते हुए उन्हें न केवल बांग्ला का बल्कि समस्त भारतीय लेखन परिदृश्य की श्रेष्ठ रचनाएं बताया. राव ने कहा अकादमी के सभी कर्मचारी असाधारण प्रतिभा के धनी देवेश राय के  असमय निधन पर  हार्दिक शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.