नई दिल्लीः इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारती के दिल्ली प्रान्त से सम्बद्ध अखिल भारतीय साहित्य परिषद् ने इंडिया गेट के शहीद स्मारक स्थल पर पुलवामा में शहीद हुए जवानों की बरसी पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता विनोद बब्बर ने की और संचालन मनोज शर्मा ने किया. कार्यक्रम का आरम्भ  पूनम भाटिया की देशभक्ति की कविता, "जान देकर देश का तुम भाल ऊँचा कर गये, अपनी क़ुर्बानी से भारत माँ का टीका कर गए , ओ वतन के बागबां तुमसे ही तो ख़ुशियाँ सभी, खेल होली खून की आँगन में मेला कर गए," से हुई. इस अवसर पर पत्रकार संजीव सिन्हा ने कहा कि सरहद पर खड़े जवानों की वजह से ही हम आज सुरक्षित हैं. हम उनके सदा ऋणी रहेंगे. डॉ जय सिंह आर्य ने एक कविता के माध्यम से अपनी बात कही –
ये सत्य है शहीदों, ये सत्य बात जानो, बलिदान ये तुम्हारा हरगिज़ न व्यर्थ होगा.
ये सूर्य चांद तारे, ये जल नदी किनारे, बलिदान का तुम्हारे, क्या-क्या न अर्थ होगा.
गाथा हजार भू करता, विस्तृत गगन कहेगा, सौ-सौ नमन शहीदों ये जग तुम्हें करेगा.
साहित्यकार प्रवीण आर्य जी ने कहा कि हम पुलवामा में शहीद हुए जवानों को नमन करते हैं और पाकिस्तान द्वारा किये गए इस कृत्य की घोर निंदा करते हैं. एक देश मिल जाने के बाद भी वह अपने षड्यंत्र चलाता रहता है. लेकिन वह भूल जाता है कि अब का भारत वो पुराना भारत नहीं है, अब यह घर में घुस कर मारता है. पंजाबी साहित्यकार जगदीश ने कहा कि सिख शुरू से ही धर्म पर कुर्बान होते आये हैं. तो हम जानते हैं कि पुलवामा के सैनिकों की ये कुर्बानी सदा-सदा याद रखी जाएगी. सुनीता बुग्गा ने संस्कृत-मंत्रों द्वारा हुतात्माओं को श्रद्धांजलि दी. साहित्यकार जीतेंद्र ने कहा, हमारा देश इन सैनिक-शहीदों को नमन करता है और मैं समस्त साहित्य जगत की ओर से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. नीलम भागी  ने भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये. मनोज शर्मा ने कहा कि देश के 40 जवान हमारी सम्पत्ति हैं, हमारा गर्व हैं और उनका जाना हमारे लिए गहन क्षति है. पूरा देश उनके लिए ग़मगीन है और अब हर वर्ष 14 फरवरी को सेना नमन दिवस के रूप में सभी साहित्यकार इस दिन इन्हें याद करेंगे. हमारी सीमाएं तभी तक सुरक्षित हैं जब तक इन सैनिकों का साहस है. इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारती इनको नमन करती है. वरिष्ठ साहित्यकार विनोद बब्बर ने कहा कि देश की जनता और हम साहित्यकार सरकार और सेना के साथ खड़े हैं. धन्यवाद प्रवीण आर्य ने दिया.