पटनाः बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग तथा बिहार संगीत नाटक अकादमी की ओर से राजधानी वाटिका में पिछले दिनों 'संगीत बिहान' की एक शृंखला आयोजित हुई. इस दौरान बड़ी संख्या में सुबह की सैर के लिए पहुंचे लोगों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और होली गीतों का आनंद लिया. इस दौरान काशी से पटना पहुंचे बिहार के समस्तीपुर जिले के मूल निवासी गायक डॉ विजय कपूर ने पटना के संगीत प्रेमियों को अपनी गायिकी से भावविभोर कर दिया. उनके साथ तबले पर बिहार के वरिष्ठ कलाकार डॉ श्याम मोहन ने जबकि बांसुरी पर बनारस के सुधीर कुमार ने शानदार संगत की.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में संगीत प्रभाग में 25 वर्ष से कार्यरत डॉ कपूर अभी  प्राध्यापक हैं. उन्होंने आरंभ में राग अहीर भैरव में बड़ा ख्याल पेश किया. बोल थे, 'बंशी बजइया मोरे कान्हा….' इसके बाद उन्होंने छोटा ख्याल झपताल में 'हरि नाम कर गान…' सुनाया, तो तीन ताल में 'आज तो आनंद…' की पेशकश की. इसके बाद राग काफी में होली गीत गाया, जिसके बोल थे- 'होली खेलत नंद लाल….' मिश्र पीलू में प्रस्तुत होली गीत था, 'बरजोरी करो न मुझसे होरी में…' चैता के बाद दर्शकों की फरमाइश पर 'खेले मसाने में होरी दिगम्बर, खेले मसाने में होरी…' गाकर पूरा माहौल होलीमय कर दिया. संगीत नाटक अकादमी की सहायक सचिव विभा सिन्हा ने कलाकारों का स्वागत किया. मौके पर गायक पं जगत नारायण पाठक, सुधीर कुमार, वरिष्ठ कलाकार हरेकृष्ण सिंह मुन्ना, भारतेन्दु सिंह, ओम प्रकाश, अमलेश आदि  के अलावा बड़ी संख्या में संगीत रसिक मौजूद थे.