नई दिल्ली: महिला काव्य मंच नई दिल्ली इकाई की मासिक काव्य गोष्ठी ऑनलाइन सम्पन्न हुई. संगोष्ठी की अध्यक्षता इकाई के अध्यक्ष विनय पंवार ने की. डेढ़ घंटे से भी अधिक समय तक चली इस गोष्ठी में उपस्थित कलमकारों ने शानदार काव्य पाठ किया. गोष्ठी का आरम्भ श्यामा भारद्वाज द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ तत्पश्चात उन्हीं के संचालन में सभी ने शानदार प्रस्तुति दी. संग़ोष्ठी में शामिल डॉक्टर रश्मि झा ने फागुन पर ग़ज़ल सुनाई, तो रुचि जैन ने गीत संग अलहदा अंदाज़ में पठन की प्रस्तुति दी. दक्षिणी दिल्ली इकाई से दीप्ति ने एक बहुत ही अलग भाव वाली रचना 'रात की रानी' सुनाई, तो दक्षिणी पश्चिमी इकाई की सदस्य रीता चुघ की रचना अभी वक़्त लगेगा ने सबका दिल जीत लिया. मधु वशिष्ठ ने 'अच्छा लगता है' से सबका मन मोहा, तो दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली की सह सचिव सुनीता पुनिया की रचना ने बचपन की यादें जगाई.
संगोष्ठी में नई दिल्ली इकाई की उपाध्यक्ष विजय लक्ष्मी की ग़ज़ल में जिंदगी के बेहद परिपक्व फलसफे मिले, तो उत्तरी दिल्ली इकाई की माधुरी स्वर्णकार ने 'हाशिये पर रखी कविताएं' शीर्षक से रचना का पाठ किया. उत्तर पूर्वी दिल्ली इकाई की पूनम तिवारी ने एक बहुत प्यारी रचना से अपने मन के उद्गार प्रकट किए. उत्तर पश्चिमी इकाई की सचिव आरती झा ने 'स्वयं को खोकर स्वयं को पाना' शीर्षक से प्रस्तुति दी. पुष्पिंदरा भंडारी के आज़ाद ख्याल और नज़्म ने समां बांध दिया. सरिता गुप्ता ने श्रृंगार रस से भरपूर प्रेम गीत सुनाकर मन मोह लिया, तो श्यामा भारद्वाज ने फागुन के रंग में रंगी रचना से सभी को रंगा. अंत में विनय पंवार ने सभी की रचनाओं की समीक्षा करते हुए अपनी रचना का पाठ किया और धन्यवाद ज्ञापन किया. संगोष्ठी का मार्गदर्शन महिला काव्य मंच की उपाध्यक्ष नीतू सिंह ने किया.