पटना, 16 अक्तूबर। प्रेमचन्द-शरतचंद मेमोरियल कमिटी ने कालिदास रंगालय में पुरस्कार वितरण सह सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया। प्रेमचन्द व शरतचंद की तस्वीर के माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।  कमिटी पिछले कई वर्षों से स्कूली बच्चों के बीच प्रेमचन्द व शरतचंद के साहित्य को ले जाने का  अनूठा कार्य कर रही है। मुख्य अतिथि के रूप में सभा को संबोधित करते हुए चर्चित साहित्यकार व व्यंग्यकार अरुण शाद्वल ने कहाप्रेमचन्द व शरतचंद के साहित्य के विषय आज और भी प्रासंगिक हो गए हैं। आज भी उनके साहित्य  थके -हारे, शोषित अवाम को संबल ,दृढ़तासामाजिक उत्तरदायित्व और  इंसानी मूल्यबोध का अहसास कराती है। प्रेमचन्द व शरतचंद के साहित्य में आम आदमी का दर्द दिखाया है।अरुण शाद्वल ने ये भी कहाएक बेहतर समाज के निर्माण के लिए इन दोनों के साहित्य को जन जन तक पहुंचाना होगा।” 

शिक्षाविद एम.के पाठक ने अपने संबोधन में कहाउन्होंने अपनी रचनाओं में जिस सामाजिक आर्थिक समस्याओं को उठाया है वो आज और भी गंभीर हो गया है। मौजूदा दौर में पूंजीवादी आर्थिक नीतियों के कारण  सामाजिक व सांस्कृतिक रिश्ते, मर्यादा  और मानवता नष्ट हो रही है।

बच्चों की संगीत मंडलियों ने देशभक्ति गीत ‘” मिल के आओ देश को संवार दें, आदमी है आदमी को प्यार देंका समवेत गायन किया। इसके बाद बच्चों ने रावीन्द्र संगीत पर आधारित नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शकों को मोह लिया।  पिछले 16 सितंबर को  अघोर प्रकाश  बालिका उच्च विद्यालय  में आयोजित सांस्कृतिक प्रतियोगिता , 2018 के सफल प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। इनमें सामान्य ज्ञान, गणित, अभिभाषण, चित्रांकन में अव्वल आये छात्रों को पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार वितरण अहम साहित्यिक शख्सियतों ने किया जिनमें श्याम सुंदर  पांडे, घमंडी राम, श्रीकांत व्यास, मेहता नागेंद्र सिंह , नवाब आलम और इंद्रदेव राय प्रमुख थे।