नई दिल्ली: प्रभा खेतान फाउंडेशन पांच दिवसीय किताब फेस्टिवल का आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 13 से 17 दिसंबर  कर रहा है. इस फेस्टिवल के पहले दिन की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जीवनी 'फरो इन ए फील्ड' के लोकार्पण से हुई. पत्रकार सुगाता श्रीनिवासराजू की पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया द्वारा प्रकाशित पुस्तक के लोकार्पण पर खुद देवेगौड़ा उपस्थित थे. राजनेता फारूक अब्दुल्ला, सीताराम येचुरी और जयराम रमेश ने भी किताब पर अपने अनुभव साझा किए. वरिष्ठ अधिवक्ता फली सैम नरीमन ने कहा कि मेरी पत्नी और मैं हमेशा मानते थे कि गौड़ा शीर्ष ही नहीं हैं, बल्कि उनका दिल भी महान है. फारूक अब्दुल्ला ने देवेगौड़ा से कई बार की मुलाकात को याद किया और बताया कि गौड़ा ने बहुत कठिन समय में कश्मीर का दौरा करने का फैसला किया था. वह एक नई शुरुआत करना चाहते थे.
लेखक सुगाता श्रीनिवासराजू ने कहा कि जब मैंने इस पुस्तक पर 2019 में काम करना शुरू किया तो लोगों ने मेरा उपहास किया कि क्या गौड़ा पेंगुइन की जीवनी के हकदार हैं? उन्होंने वास्तव में क्या किया है? क्या आपके पास पर्याप्त शब्द हैं पन्ने भरने के लिए? अब 2021 के अंत में, जब वे 600 पेज की किताब को हाथ में लेते हैं  तो वे ही लोग कहते हैं कि यह उनकी विरासत का 'पुनर्वास' है. सीताराम येचुरी ने कहा कि गौड़ा के बारे में पहले ही कहा जा चुका है, उसमें जोड़ने के लिए बहुत कम है, लेकिन हममें से किसी को भी उनकी जाति के बारे में पता नहीं था. उन्होंने राजनीतिक चर्चाओं में गहरी अंतर्दृष्टि के लिए लेखक की भी प्रशंसा की और बताया कि कैसे कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री देवेगौड़ा ने अपने मुख्यमंत्री पद के 3 साल भी पूरा न करने के बावजूद बसु से कहा था, 'हमें मिलकर भारत को बचाना है.' जयराम रमेश ने पुस्तक को 'एक सराहनीय और समृद्ध इतिहास पर आधारित प्रथम श्रेणी की जीवनी' कहा. सत्र का संचालन अहसास वूमेन अमृतसर प्रणीत बब्बर ने किया.