नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जब भी अवसर मिलता है, वे देश के शहीदों, रामायण की कथा और शहीदों को याद करना नहीं भूलते. वर्ष 2022 और 2021 के 'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' विजेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान ब्लॉकचैन तकनीक का उपयोग करते हुए उन्होंने विजेताओं को डिजिटल प्रमाणपत्र दिए और उनसे बातें कीं. इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी और राज्य मंत्री डॉ मुंजपारा महेंद्रभाई भी उपस्थित थे. इस दौरान प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के इंदौर के मास्टर अवि शर्मा से रामायण के विभिन्न पहलुओं के संबंध में उनकी महत्त्वपूर्ण रचनाओं के बारे में पूछा. अवि ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सीरियल रामायण के प्रसारण के फैसले से उन्हें प्रेरणा मिली. अवि ने अपनी रचना के कुछ दोहे भी पढ़े. प्रधानमंत्री ने एक घटना सुनाई जब उन्होंने एक बच्चे के रूप में उमा भारती को एक कार्यक्रम में देखा, सुना था. पीएम मोदी ने कहा, 'मैं हैरान था कि इतनी छोटी उम्र में उमा भारती धारा प्रवाह वक्तव्य देती थीं. वह संस्कृत बोल लेती थीं. चौपाइयां गा लेती थीं और मंच पर बैठे-बैठे अपने बचपने की हरकतें भी कर लेती थीं. मैं बहुत प्रभावित हुआ था. बहुत साल पहले की बात है. तब उनकी आयु बहुत कम थी. मुझे लगता है कि मध्य प्रदेश में कुछ ऐसी ताकत है कि यहां सभी विद्धान लोग हैं, जो बचपन में ही तैयार हो जाते हैं. जिस प्रकार से शास्त्रों का बहुत सटीक रूप में उल्लेख करती थीं, वह सराहनीय है.' प्रधानमंत्री ने अवि से कहा कि वह एक प्रेरणा स्रोत हैं और इस कहावत का एक उदाहरण हैं कि आप कभी भी बड़े काम करने के लिए छोटे नहीं होते.
कर्नाटक की कुमारी रेमोना इवेट परेरा के साथ बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारतीय नृत्य के प्रति उनके जुनून पर चर्चा की. त्रिपुरा की कुमारी पुहाबी चक्रवर्ती से प्रधानमंत्री ने कोविड से संबंधित नवाचार के बारे में जानकारी ली. बिहार के पश्चिम चंपारण के मास्टर धीरज कुमार से उस घटना के बारे में पूछा, जहां उन्होंने अपने छोटे भाई को मगरमच्छ के हमले से बचाया था. पंजाब के मास्टर मीधांश कुमार गुप्ता से प्रधानमंत्री ने कोविड के मुद्दों के लिए एक ऐप बनाने की उनकी उपलब्धि के बारे में जानकारी ली. चंडीगढ़ की कुमारी तरुशी गौर से खेल और पढ़ाई के बीच संतुलन पर उनकी राय जानी. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश जब आज़ादी के 75 साल का पर्व मना रहा है, तब आपको ये अवार्ड मिला है. स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए  उन्होंने वीरबाला कनकलता बरुआ, खुदीराम बोस, रानी गाइडिनिल्यू जैसे वीरों को याद किया जिन्होंने छोटी सी उम्र में ही देश की आज़ादी को अपने जीवन का मिशन बना लिया था, उसके लिए खुद को समर्पित कर दिया था. प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर के बलदेव सिंह और बसंत सिंह की बहादुरी के साथ गुरु गोबिन्द सिंह जी के बेटों के शौर्य और बलिदान को याद करते हुए युवाओं से साहिबजादों और उनके बलिदान के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए कहा.