अजमेर: स्थानीय पटेल स्टेडियम में नेशनल बुक ट्रस्ट, भारत द्वारा आयोजित पुस्तक मेले पर तपती धरती और चिलचिलाते मौसम का कोई खास असर नहीं है. पुस्तक प्रेमी टूट कर जुट रहे. हर दिन साहित्यसेवियों की उपस्थिति भी मेले को गुलजार बना रही है. मेले के उद्घाटन अवसर पर पद्मश्री से सम्मानित लेखक चंद्र प्रकाश देवल ने कहा कि अजमेर नेशनल बुक ट्रस्ट का हमेशा ऋणी रहेगा जिसने इस शहर को यह पुस्तकमेला दिया. आज भाषा का सौंदर्य है, जिसने आज शाब्दिक क्रांति को जन्म दिया. शब्द ने साहित्य को परिमार्जित किया है. आज मनुष्य ने मनुष्यता का जो संस्कार पाया है वह पुस्तकों के माध्यम से हो पाया है. रामायण, गीता, महाभारत आदि जो महत्त्वपूर्ण ग्रंथ हैं ने पठनीयता को सुलभ किया है और मानवीय गुणों को जोड़ने में सक्षम हैं. पुस्तकें हमारे जीवन को कंट्रोल करती हैं. हिंदुस्तान में पुस्तक को गुरु का दर्जा दिया है, जैसे गुरु ग्रंथ साहिब. पुस्तकें हमारी मित्र हैं इनका कोई दूसरा विकल्प नहीं. जिलाधिकारी विश्व मोहन शर्मा का कहना था कि पुस्तकें हमारे जीवन का बेहतरीन पक्ष हैं. न्यास ने हमारे शहर का चयन पुस्तक मेला के लिए किया, यह बड़ी बात है. न्यास की पुस्तकें किफायती होती हैं और प्रामाणिक लेखकों द्वारा लिखी जाती हैं. प्रगतिशील देश और समाज वही हो सकता है जिसकी आत्मा पुस्तकों में बसती है. आज के समय में मोबाइल, इंटरनेट का जितना विकास हुआ है उतना ही झुकाव मुद्रित अक्षर के प्रति भी हुआ है. आज वाट्सप के माध्यम से नई पीढ़ी जुड़ी हुई है लेकिन जो एहसास किताबों से होता है वह इंटरनेट के माध्यम से कभी भी नहीं होता.
इस मौके पर लेखक डॉ नंद भारद्वाज ने कहा, पुस्तकों का अपना महत्त्व है. पुस्तक मेला एक ऐसी जगह है जहां आप एक पंडाल के नीचे अपनी मनपसंद पुस्तकों को खरीद सकते है. न्यास ने पुस्तक संस्कृति को विकसित किया है. अनुवाद के जरिये अनेक महत्त्वपूर्ण लोगों की पुस्तकों का अनुवाद न्यास ने कराया है जिससे व्यापक स्तर तक लाभ पाठकों को मिला है. धीरे-धीरे राजस्थान भी पठन वृति में आगे बढ़ रहा है, यह हमारे लिए शुभ संकेत है. मुख्य सचेतक केदारनाथ सिंह ने कहा कि आप सभी रोजाना अपने जीवन में पुस्तक को अपना मित्र बना लें, उससे ये संकेत जाएगा कि आप पुस्तकों के प्रति कितना समपर्ण और स्नेह रखते हैं. नेशनल बुक ट्रस्ट की ओर से राष्ट्रीय बाल साहित्य केंद्र अनुभाग के वरिष्ठ संपादक मानस रंजन महापात्र ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हम सभी के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं कि आप अपने शहर में पुस्तकों के साक्षी बनें. पुस्तकें खरीद कर नई पहल करें व अपने मित्रों को प्रेरित करें. न्यास की परम्परा के अनुसार अतिथियों का पुस्तकों से स्वागत किया गया. इस अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया व दो वृत्त चित्र भी लोकार्पित किए गए, जो अजमेर की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर आधारित थे. इस अवसर पर अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त निशांत जैन, सीओ गजेंद्र सिंह राठौड़, एडीएम आनंदी लाल वैष्णव, मृदुल सिंह, शक्ति सिंह, सहायक कलेक्टर तेजसवी राणा आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन डॉ ललित किशोर मंडोरा ने किया.