शिमलाः हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच और कालका-शिमला रेलवे के संयुक्त संयोजन में तारादेवी से समरहिल रेलवे ट्रैक पर पैदल यात्रा का आयोजन हुआ, जिसमें स्थानीय व निकटवर्ती क्षेत्रों से पधारे पचास से अधिक लेखकों व संस्कृति कर्मियों ने भाग लिया. यह यात्रा प्रातः 9.30 बजे तारादेवी से रवाना हुई और 1 बजे समरहिल स्टेशन पर पहुंची. यात्रा के दौरान शामिल रचनाकर्मियों ने ट्रैक पर और आसपास बिखरे पॉलीथिन कचरे को साफ करने के अतिरिक्त खाली जगह पर पौधे और बीज भी रोपे. इस पर्यावरण यात्रा का ठहराव जतोग स्टेशन रहा. इस यात्रा में 13 वर्षीय बच्चे से लेकर 80 वर्ष तक के वरिष्ठ नागरिकों ने भी भाग लिया. इस यात्रा में सुंदर नगर, बिलासपुर, सोलन, अपर शिमला और सुन्नी भज्जी के भी रचनाकर्मी शामिल हुए. हिमाचल विश्वविद्यालय के कुलपति सहित कई प्रोफेसर भी सहभागी रहे. समरहिल स्टेशन पर भारी बारिश के बीच लेखकों ने 50 से अधिक देवदार और बान के पौधे लगाए. हिमाचल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सिकन्दर कुमार ने इतिहासकार एसआर मेहरोत्रा की स्मृति में देवदार का पौधा रोपा. याद रहे कि एसआर मेहरोत्रा का हाल ही में देहावसान हुआ है.

कार्यक्रम का दूसरा सत्र साहित्य गोष्ठी का रहा, जिसमें इस यात्रा में शामिल रचनाकारों ने कविताएं पढ़ीं. अधिकांश कविताएं जल, जंगल और जमीन के सरंक्षण की चिंताओं पर केंद्रित थीं. इन रचनाकारों में एस आर हरनोट, गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय, डॉ कुलराजीव पंत, प्रो मीनाक्षी एफ पॉल, सतीश रत्न, आत्मा रंजन, डॉ अनिता शर्मा, आनंद प्रकाश शर्मा, रत्न चंद निर्झर, दिनेश शर्मा, दीप्ति सारस्वत, डॉ देव कन्या ठाकुर, स्नेह लता, अश्विनी कुमार, डॉ मधु जी शर्मा, नरेश दयोग, शांति स्वरूप शर्मा, वंदना राणा, सीताराम शर्मा, सुमन धनंजय, गोपाल झिलटा, संजय गेरा, डॉ रोशन लाल जिंगटा, डॉ सुनीला शर्मा, अनुराधा कश्यप, अनिल शर्मा, विचलित अजय,    आंचल भंडारी, यादव कमार शर्मा, राहुल प्रेमी, रीना, पिंकू, निकिता  शर्मा, अभिमन्यु राणा, डॉ विकास, देव प्रकाश भाटिया, दिलीप ठाकुर और यादवेन्दर ठाकुर शामिल रहे. इस आयोजन को सफल बनाने में उत्तरी रेलवे अम्बाला मंडल के क्षेत्रीय प्रबंधक दिनेश सी शर्मा और समरहिल स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक संजय गेरा की विशेष भूमिका रही. गोष्ठी का संचालन जानेमाने कवि आत्मा रंजन ने किया.