पटनाः बिहार मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने अभिलेख भवन सभागार में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की जयंती का आयोजन किया, जिसकीअध्यक्षता हिंदी प्रगति समिति के अध्यक्ष कवि सत्यनारायण ने की. कार्यक्रम की शुरुआत में निदेशक इम्तियाज अहमद करीमी ने आचार्य द्विवेदी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर संक्षेप में प्रकाश डाला. अरविंद महिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शिवनारायण ने कहा कि आचार्य द्विवेदी हिंदी के युग-प्रवर्तक साहित्यकार और पत्रकार थे. उन्होंने हिंदी भाषा और साहित्य की अविस्मरणीय सेवा की और अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा व दृष्टि प्रदान की. कॉलेज ऑफ कॉमर्स की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. मंगला रानी ने कहा कि द्विवेदी जी सरल और सुबोध भाषा लिखने के पक्षधर थे. उनकी भाषा में न तो संस्कृत के तत्सम शब्दों की अधिकता है और न ही उर्दू- फारसी के अप्रचलित शब्दों की भरमार. द्विवेदी जी की भाषा का रूप शुद्ध, परिष्कृत और व्याकरण के नियमों से बंधा हुआ है.
इस अवसर पर आर. पी. एम महिला महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. शिवचंद्र सिंह ने कहा कि भारतेंदु युग में लेखकों की दृष्टि भाषा में व्याकरण के नियमों और विराम-चिह्न पर्याप्त नहीं था. द्विवेदी जी ने इस ओर ध्यान दिया और भाषा को शुद्ध करने का संकल्प लिया. उन्होंने इन अशुद्धियों की ओर लेखकों का ध्यान आकर्षित किया. सभा को हिंदी प्रगति समिति की उपाध्यक्ष डॉ. सविता सिंह नेपाली ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में पटना वीमेंस कॉलेज की छात्रा मोनिका कुमारी, अदिति कुमारी, स्मृति कुमारी और काजल कुमारी ने भी अपने विचार रखे. मंच संचालन डॉ. प्रमोद कुंवर ने और धन्यवाद ज्ञापन अनिल कुमार लाल ने किया. भागलपुर में भी साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संस्था 'सृष्टि' ने मायागंज स्थित प्रधान कार्यालय में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की जयंती मनाई. इस कार्यक्रम में कवि हरि प्रसाद गोप, जगतराम साह कर्णपुरी, डा अशोक यादव, बनारसी चन्द्रराय, नरेश ठाकुर निराला, योगेंद्र निर्मल, कैलाश कुमार आदि मौजूद थे.