नई दिल्लीः संगीत मार्तंड पंडित जसराज, जो भारत के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्मविभूषण से अलंकृत थे और जिनका अमेरिका में निधन हो गया की याद में अमेरिका के ह्यूस्टन में पूरे साल हर महीने शास्त्रीय संगीत की महफिल जमेगी. मेवाती घराने के मार्गदर्शक पंडित जसराज के शिष्य और द सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल म्यूजिक ऑफ ह्यूस्टन के संस्थापक पं सुमन घोष के अनुसार पूरे वर्ष चलने वाले 'संगीत मार्तण्ड स्मृति समारोह' नामक कार्यक्रम के चार-चार माह के तीन सत्र होंगे. पहले दो सीजन यानी आठ महीनों के आठ कार्यक्रम कोविड-19 प्रोटोकॉल की पाबंदियों की वजह से ऑनलाइन होंगे. लेकिन तीसरा सीजन कोविड की स्थिति में सुधार होने से ह्यूस्टन में लाईव होगा. इसका समय मई से अगस्त 2021 तक के बीच होगा. इस कार्यक्रम में कलाकार और संगीत रसिक आमने सामने बैठकर संगीत और पंडित जसराज की सुरीली जीवन यात्रा की अनुभूति उनके शिष्यों और उनके चाहने वाले बड़े कलाकारों की प्रस्तुतियों में कर सकेंगे.

घोष के मुताबिक इस समारोह का मकसद पंडित जसराज के जीवन की शास्त्रीत गायकी को मानवता के विशिष्ट उपहार के रूप में नई पीढ़ी को तो सौंपना है ही, कोविड  19 की त्रासदी से ग्रस्त विश्व को सुरों की औषधि प्रदान कर राहत देना भी है. ह्यूस्टन में भारत के काउंसलेट जनरल के सहयोग से हो रहे इस कार्यक्रम की पहली कड़ी में अमेरिका में 19 सितंबर और भारत में 20 सितंबर को उस्ताद शाहिद परवेज के सितार की झंकार गूंज चुकी है. अक्तूबर में बनारस घराने के दिग्गज गायक पंडित राजन साजन मिश्र अपने गायन से समां बांधेंगे. नवंबर में जयपुर के पंडित विश्व मोहन भट्ट मोहन वीणा का जादू जगाएंगे और दिसंबर में स्वयं आयोजक पं सुमन घोष मेवाती घराने की गायकी के खास अंदाज से संगीत प्रेमियों के समक्ष होंगे और पंडित जसराज के प्रति अपना सम्मान जाहिर करेंगे.