बाबा बकाला साहिब: सभी जानते हैं कि श्री गुरु नानक देव जी ने दुनिया के सभी धर्मों की अच्छी वाणी को शबद, कीर्तन में जगह दी और सेवा और मानवता को सर्वोपरि स्थान दिया. गुरु ग्रंथ साहिब की महत्ता सिख धर्म के साथ-साथ दुनिया भर में एक पावन ग्रंथ के रूप में स्थापित है. खास बात यह कि भारतीय साहित्य में भी गुरुवाणी का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है. पंजाब के ऐतिहासिक नगर बाबा बकाला साहिब में पिछले 33 सालों से चर्चित साहित्यिक संस्था पंजाबी साहित्य सभा लगातार पंजाबी मातृ भाषा की सेवा के साथ ही उसके प्रसार व प्रचार में जुटी हुई है. ज्यादा से ज्यादा लोगों तक गीत, संगीत, पुस्तक, चर्चा, गोष्ठी के माध्यम से गुरु नानकदेव जी का संदेश पहुंचे यह संस्था का प्रयास है.
अब इसी पंजाबी साहित्य सभा ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें वार्षिक प्रकाश पर्व पर पहल करते हुए उन्हीं के संदेशों, वाणी व पदों को समर्पित एक कवि दरबार स्थानीय अनेक्सी हाल में आयोजित करवाया. समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा के मीत प्रधान दीप दविदर सिंह ने की. इस अवसर पर पंजाबी साहित्य के नामीगिरामी लोगों में शुमार संतोख सिंह पन्नू, लाली, मक्खन सिंह, शलिदरजीत सिंह राजन व रघबीर सिंह भी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन का जिम्मा शलिदरजीत राज ने उठाया. इस दौरान पंजाबी के कवि और गायक कलाकारों ने अपनी गायकी के जौहर दिखाए. कवि दरबार में कई कवियों ने अपनी कविताएं पेश की और मौजूद श्रोताओं की वाहवाही लूटी. याद रहे कि पंजाबी साहित्य सभा ऐसे आयोजन कराती ही रहती है.
अब इसी पंजाबी साहित्य सभा ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें वार्षिक प्रकाश पर्व पर पहल करते हुए उन्हीं के संदेशों, वाणी व पदों को समर्पित एक कवि दरबार स्थानीय अनेक्सी हाल में आयोजित करवाया. समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा के मीत प्रधान दीप दविदर सिंह ने की. इस अवसर पर पंजाबी साहित्य के नामीगिरामी लोगों में शुमार संतोख सिंह पन्नू, लाली, मक्खन सिंह, शलिदरजीत सिंह राजन व रघबीर सिंह भी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन का जिम्मा शलिदरजीत राज ने उठाया. इस दौरान पंजाबी के कवि और गायक कलाकारों ने अपनी गायकी के जौहर दिखाए. कवि दरबार में कई कवियों ने अपनी कविताएं पेश की और मौजूद श्रोताओं की वाहवाही लूटी. याद रहे कि पंजाबी साहित्य सभा ऐसे आयोजन कराती ही रहती है.