नई दिल्लीः राजधानी के इंडिया इंटरनेशनल में नटरंग प्रतिष्ठान ने तार सप्तक के यशस्वी कवि प्रसिद्ध आलोचक, रंग समीक्षक एवं संस्कृति कर्मी नेमिचन्द्र जैन की जन्मशती समारोह की विधिवत शुरुआत की. इस कार्यक्रम के आरंभ में प्रख्यात कवि और विचारक अशोक वाजपेयी ने नेमिचन्द्र जैन के बारे में विस्तार से बताया. इसके बाद नन्दकिशोर आचार्य के सम्पादन में वाणी प्रकाशन से छप रही नेमिचन्द्र जैन रचनावली के पहले खण्ड का लोकार्पण सुप्रसिद्ध इतिहासकार रोमिला थापर ने किया. लोकार्पण के पश्चात रोमिला थापर ने 'अन्यता की उपस्थिति: आदिकालीन भारत में धर्म और समाज' शीर्षक से नेमि स्मृति व्याख्यान भी दिया. उन्होंने कहा कि पहले हमारे धर्म अन्य धर्मों के प्रति खुले हुए थे और वे असहमतियों को धर्म से बाहर नहीं अन्दर ही जगह देते थे. कई विदेशी विश्वविद्यालयों में इतिहास की अतिथि प्रोफेसर रहीं थापर ने कहा कि यह स्थिति इस समय इतनी बदल गयी है कि सभी धर्म सख्त एवं अनुदार  हो गए हैं, जबकि उन्हें समावेशी होना चाहिए. उन्हें अन्य रूपों को अपने भीतर  समाहित करने की प्रवृति समाप्त हो गयी हैं.
इस अवसर पर नेमिचन्द्र जैन पर विशेष रूप से तैयार किये गए नटरंग के अंक सहित उन पर केंद्रित एक बहुरंगी स्मारिका का भी लोकार्पण हुआ. नटरंग के इस अंक में मृणाल पाण्डेय, अनुराधा कपूर, जयदेव तनेजा, एम के रैना, देवेन्द्र राज, अंकुर मृदुला गर्ग और बंसी कौल के संस्मरण हैं. इतना ही नहीं वाणी प्रकाशन आठ खंडों में नेमिचन्द्र जैन रचनावली का प्रकाशन कर रहा है. उत्तर प्रदेश के आगरा में 16 अगस्त 1919 को जन्मे नेमिचन्द्र जैन की  जन्मशती के तीन दिवसीय समारोह 'नेमि शती' के तहत शनिवार को मधुप मुद्गल का गायन और रविवार को उनपर एक नाटक का मंचन हुआ. नेमि जन्मशती समारोह पटना, इलाहाबाद, उज्जैन भोपाल आदि शहरों में र माह की 16 तारीख को मनाया जाएगा, जिसमें इप्टा और भारत भवन एवं अन्य संस्थाएं आयोजक होंगी. इसके तहत नेमि जी की स्मृति में कविता, उपन्यास, रंगमंच आलोचना आदि पर साल भर कार्यक्रम होंगे. राजधानी में आयोजित इस पहले कार्यक्रम में नटरंग प्रतिष्ठान के अध्यक्ष देवीप्रसाद त्रिपाठी, नंदकिशोर आचार्य, वाणी प्रकाशन के प्रमुख अरुण माहेश्वरी और ज्योतिष जोशी सहित कई साहित्यप्रेमी व कला समीक्षक उपस्थित थे.