नई दिल्लीः चर्चित फिल्म निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक नीरज पांडे की एक खासियत है कि वह न केवल अपनी शानदार फिल्मों की बदौलत एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंच रहे हैं, बल्कि कई फिल्मी कहानियों को उपन्यास की शक्ल देकर अंग्रेजी-हिंदी के अच्छे खासे पाठकवर्ग तक भी पहुंच रहे हैं. नीरज 'ए वेड्नसडे', 'स्पेशल 26', 'बेबी' और 'एमएस धोनीः द अनटोल्ड स्टोरी' के लेखक और निर्देशक रहे है. साल 2013 में नीरज पांडे की अंग्रेजी में लिखी पहली किताब 'गालिब डेंजर' का विमोचन अभिनेता अनुपम खेर के हाथों हुआ था. जिसे पेंगुइन ने छापा था. पाठकों ने सोशल मीडिया से लेकर खरीदने- पढ़ने तक काफी सराहा था. वही किताब 'गालिब डेंजर' अब हिंदी में प्रभात प्रकाशन की ओर से छप कर आई है, जिसका लोकार्पण दिल्ली के कांस्टीट्युशन क्लब में अभिनेता मनोज वाजपेयी के हाथों 30 अगस्त को हो रहा है. समारोह का संचालन गीतकार मनोज मुंतशिर करेंगे.

प्रकाशक प्रभात कुमार के मुताबिक नीरज पांडे केवल अच्छे निर्देशक ही नहीं, अच्छे लेखक भी हैं. उनकी यह किताब अंग्रेजी में काफी चर्चित रही है. खास बात यह है कि हिंदी में यह किताब अनूदित जरूर हुई है, पर पटकथा लेखक होने के नाते लेखक ने इसे आमूलचूल हिंदी का बना दिया है. हालांकि यह एक अचरज की बात है कि जिन हिंदी फिल्मों पर करोड़ों का कारोबार होता है, लेखन में उसे वह सफलता नहीं मिलती. हमने 'कहानी शाहरुख खान की' छापी, तो उसे उस रूप में हाथोंहाथ नहीं लिया गया, पर इस किताब को लेकर मेरा विश्वास है कि अंग्रेजी की तरह ही हिंदी के पाठक भी इसे हाथोंहाथ लेंगे. हिंदी में इस तरह का लेखन कम हो रहा है और अपराध कथा पढ़ने वाले लोग बहुत हैं.नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि अगर आप हिंदी में अपराध कथा के शौकीन हैं, तो इस किताब की हर दूसरी पंक्ति आपको रोमांचित करेगी. नीरज पांडे की यह किताब अंडरवर्ल्ड पर आधारित है, जो एक युवा टैक्सी ड्राइवर के अंडरवर्ल्ड में फंसने की कथा कहती है.

 अंग्रेजी वाली किताब पर आम से खास लोगों की प्रतिक्रिया ने नीरज पांडे का मनोबल काफी बढ़ाया था. फिल्म प्रोड्यूसर और लेखक प्रीतिश नंदी ने तब उन्हें अपने पसंदीदा फिल्म लेखकों में से एक करार देते हुए लिखा था कि नीरज पांडे की किताब पढ़ना अच्छा अनुभव है. देखते हैं अपनी सुपर-डुपर हिट हिंदी फिल्मों से दर्शकों के दिलोदिमाग पर छा जाने वाले नीरज की इस किताब को हिंदी पाठक कैसे और कितना सराहते हैं.