सागरः हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्त्वावधान सागर के वरिष्ठ कवि निर्मल चंद निर्मल की 21वीं काव्य कृति 'जगत मेला चला चल' का विमोचन स्थानीय आदर्श संगीत महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ सुरेश आचार्य ने की. मुख्य अतिथि के रूप में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर डॉ उदय जैन ने निर्मल के जीवन और साहित्यिक अवदान से युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेने का परामर्श दिया. विशिष्ट अतिथि के रूप में रघु ठाकुर मौजूद थे. समीक्षा वक्तव्य डॉक्टर लक्ष्मी पांडेय, टी आर त्रिपाठी एवं डॉ चंचला दवे ने दिया. संचालन हिंदी साहित्य सम्मेलन के कोषाध्यक्ष प्रदीप पांडेय ने किया.
इस अवसर पर वयोवृद्ध कवि निर्मल चंद निर्मल को उनके 90वें जन्मदिन की बधाई देते हुए समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने कहा कि इस वय में भी निर्मल जी का साहित्य के प्रति प्रेम व समर्पण अभिभूत कर देने वाला है. उन्होंने कहा कि कविता श्रंगार की वस्तु नहीं है. निर्मल जी कमल की तरह बेहद निर्मल हैं. वे इस उम्र में भी लगातार सक्रिय हैं और उनके दर्शन-काव्य का संपूर्ण साहित्य जगत में एक मान है. इस कार्यक्रम के संयोजक हिंदी साहित्य सम्मेलन के सागर के परामर्शदाता उमाकांत मिश्रा थे, जिसमें नगर के तमाम साहित्यप्रेमी मौजूद थे. आभार हिंदी साहित्य सम्मेलन की कार्यकारिणी के सदस्य आर के तिवारी ने दिया.