नई दिल्लीः किसी भी प्रकाशन के लिए अपने ढेर सारे लेखकों को एक मंच पर जुटाना, उनका सम्मान करना और उनकी पुस्तकों का एक साथ लोकार्पण कराना एक बड़ी बात है. नवजागरण प्रकाशन ने पिछले दिनों राजधानी के गांधी शांति प्रतिष्ठान में 'पुस्तक लोकार्पण, काव्य-गोष्ठी एवं सम्मान समारोह' का भव्य आयोजन किया. इस कार्यक्रम में न केवल लगभग आधा दर्जन पुस्तकों का एक साथ लोकार्पण हुआ, बल्कि उनके लेखकों सहित कई साहित्यिक मनीषियों का अभिनंदन भी किया गया. नवजागरण प्रकाशन समूह के कर्ताधर्ता राजकुमार अनुरागी के अनुसार इस अवसर पर हिंदी भाषा के जिन ख्यातनाम लेखकों की पुस्तकों का लोकार्पण हुआ, उनमें हिमकर श्याम की 'युद्धरत हूँ मैं', आनंद शर्मा की 'समर्पण', केशव मोहन पांडेय की 'संभवामि युगे युगे', प्रदीप सुमनाक्षर की 'तारीखें', राकेश शंकर भारती की 'नीली आँखें' और पच्चीस कवियों के संयुक्त काव्य-संग्रह 'गीत किसने गायाजिसका संकलन-संपादन डॉ.राजेश कुमार मांझी ने किया है, शामिल है.

खास बात यह कि इस अवसर पर मौजूद रचनाकारों के अभिनंदन के साथ एक कवि गोष्ठी का भी आयोजन हुआ, जिसमें आमंत्रित कवियों में प्रमुख रूप से नवल किशोर निशांत, मिथिलेश मैकश, मनोज सुमन, मिलान सिंह मधुर, शालिनी शर्मा, इंदुमती मिश्रा और भगवान पांडेय आदि ने अपनी-अपनी कविताएं सुनाईं. इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलसचिव ए.पी. सिद्दीकी, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् की सचिव डॉ. रश्मि सिंह, प्रवक्ता एवं साहित्यकार डॉ. सुधा त्रिवेदी, युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के अध्यक्ष रामकिशोर उपाध्याय, हिंदी-मैथिली साहित्यकार डॉ निवेदिता झा ने शिरकत की. प्रकाशक राजकुमार अनुरागी ने सभी का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में भी उनके प्रकाशन को कवियों, साहित्यकारोंं, लेखको, और आलोचकों से मिलने वाली स्नेह ऐसे ही मिलता रहेगा.