पटना, 19 जुलाई, बिहार की संवेदनशील महिलाएं जो खामोशी से कुछ रच रही हैं, उनके मौन को स्वर देने के लिए उषाकिरण ख़ान ने एक संस्था का गठन किया है, जिसका नाम है– आयाम – साहित्य का स्त्री स्वर। 23 जुलाई 2018 को संस्था की तीसरी वर्षगाठ ए एन कॉलेज, पटना में मनाई जा रही है। जिसमे " नई सदी में स्त्री स्वर- सन्दर्भ बिहार" बिषय पर व्याख्यान और " बाढ़ बारिश और प्रेम" विषय पर वक्तव्य के बाद विशेष कविता सत्र का आयोजन किया गया है। अतिथि साहित्यकारों में चंद्रकला त्रिपाठी, चित्रा देसाई , वशिष्ठ नारायण त्रिपाठी, राकेश बिहारी, मृदुला प्रधान, आराधना प्रधान के अलावा भी महत्वपूर्ण लेखक शामिल हो रहे हैं।

 

पटना शहर की सक्रिय लेखिकाओं की भागीदारी में यह संस्था न केवल पटना अपितु आरा, हाजीपुर, मुज़फ़्फ़रपुर, दरभंगा आदि शहरों की नेपथ्य में रहने वाली अनेक लेखिकाओं को मुखर बनाने के लिए अवसर और मंच प्रदान कर रही है। 2015 में गठित यह संस्था उत्तरोत्तर साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। साल में दो- एक आयोजन करने वाली इस संस्था ने अपनी पहली और दूसरी वर्षगांठ पर जहाँ एक ओर देश की जानी मानी हस्तियों से पटनावासियों को मिलने का अवसर रचा, वहाँ बेनाम सी अनेक कवयित्रियों को एक मजबूत मंच मुहैय्या कराया।

 

21 जुलाई 2016 को "आयाम" की पहली वर्षगांठ पटना म्यूज़ियम पुस्तकालय में एक शानदार कवि गोष्ठी के रूप में मनायी गयी। जिसमें आयाम की सभी सदस्यों ने अपनी दो दो कविताओं का पाठ किया। 21 जुलाई 2017 को आयाम की दूसरी वर्षगांठ एकदिवसीय महोत्सव के तीन सत्रों में जे०डी० वीमेंस कॉलेज में भव्य रूप से मनाई गई। इस समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय साहित्यकारों के अतिरिक्त राष्ट्रीयख्यातिलब्ध कवि कथाकारों को अतिथि के रूप में मौजूद थे। कोलकाता से अलका सरावगी, हरियाणा से रोहिणी अग्रवाल, लखनऊ से सन्ध्या सिंह और बिहार से नीलाक्षी सिंह ने मुख्य वक्ताओं के रूप में भाग लिया।  ऋषिकेश सुलभ, डॉ शांति जैन, विनोद अनुपम, शिवदयाल, मणिकांत ठाकुर, नीलांशु रंजन, रत्नेश्वर, संजीव कुमार सिंह, वीरेंद्र यादव आदि के साथ अवधेश प्रीत, सत्यनारायण, खगेन्द्र ठाकुर, कर्मेंदु शिशिर, शिवनारायण, शहंशाह आलम, संतोष दीक्षित, प्रेम कुमार मणि, राजेश शुक्ला आदि ने महोत्सव में भाग लिया। वार्षिक महोत्सवों के अतिरिक्त संस्था ने महाश्वेता देवी, शमशाद बेगम और ज़ोहरा सहगल के निधन पर एक सांस्कृतिक स्मृति सन्ध्या का आयोजन किया।